नीट में शिक्षानगरी में लगातार इसलिए बादशाह… 1. टेस्ट सीरिज: नीट की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए शिक्षानगरी सीकर में विशेष टेस्ट सीरिज का आयोजन होता है। इससे विद्यार्थियों को अपनी कमी सुधारने के साथ आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होती है। सीकर में रहने वाले ज्यादातर विद्यार्थियों ने बताया कि यहां की शिक्षण संस्थाओं में टेस्ट सीरिज की पहल बेहद शानदार है। कई विद्यार्थियों ने मॉक टेस्ट के जरिए रैंक में सुधार आने की बात भी कही है।
2. डाउट क्लास: शिक्षानगरी के स्कूलों से लेकर कोचिंग में नियमित डाऊट क्लास भी लगती है। इससे विद्यार्थियों की रैंक में काफी उछाल आया है। यहां की कई शिक्षण संस्थाओं में छात्रावास तो कई में कोचिंग में डाउट क्लास लगती है। इससे विद्यार्थियों को किसी तरह की दिक्कत होने पर मौके पर ही समाधान हो जाता है।
3. रिविजन पर फोकस: बात चाहे बोर्ड कक्षाओं के परिणाम की हो या फिर नीट-जेईई के परिणाम की। यहां की शिक्षण संस्थाओं की ओर से रिविजन पर सबसे जयादा फोकस किया जाता है। यही वजह है कि शिक्षानगरी की संस्थाओं की ओर से नीट से लेकर जेईई और बोर्ड कक्षाओं में लगातार टॉपर किए जा रहे है।
4. माहौल: शिक्षानगरी में पढ़ाई का माहौल काफी बेहतर है। इस वजह से शिक्षानगरी के परिणाम में लगातार उछाल आ रहा है। पिछले परिणाम मे टॉपर्स ने भी बताया कि शिक्षानगरी में हॉस्टल से लेकर स्कूल व कॉलेजों में पढ़ाई का बेहतरीन माहौल है। इसके दम पर पर लक्ष्य को भेदने में काफी आसानी रहती है।
पिछले साल मुकाबले 18 अंकों की गिरावट कॅरियर कांउसलर बीएल मील ने बताया कि जनरल तथा ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए नीटयूजी 2025 की क्वालीफाइंग कट ऑफ में 18 अंकों का गिरावट देखने को मिली है। पिछले साल 2024 के मुकाबले 162 अंक से गिरकर 144 अंक हो गई है। वर्ष 2025 में ओबीसी,एससी, एसटी कैटेगरी की क्वालीफाइंग कट ऑफ में भी 14 अंकों की गिरावट देखने को मिल रही है। ओबीसी, एससी, एसटी कैटेगरी की क्वालीफाइंग कट ऑफ 127 अंकों से घटकर 113 अंक हो गई है। इसका सबसे बड़ा कारण इस वर्ष के प्रश्न पत्र का पिछले 10 वर्षों मे सबसे कठिन होना है।
टॉपिक एक्सपर्ट… नीट परिणाम में शिक्षानगरी से लगातार टॉप रैंक्स आने से हमारे बेहतरीन एज्युकेशन सिस्टम पर मुहर लगी है। टॉप रैंक्स के जरिए देशभर में शिक्षानगरी सीकर का मान बढ़ा है। इसका फायदा शिक्षानगरी की सभी कोचिंग संस्थाओं के साथ ही आमजन को भी मिलेगा।
डॉ. पीयूष सुण्डा, कॅरियर काउंसर, सीकर