जानकारी के मुताबिक, जनवरी 2020 में यहां पंचायत सरपंच पद के चुनाव हुए थे। इसके बाद तत्कालीन सरकार ने अगस्त 2020 में पहली बार जावाल को चतुर्थ श्रेणी की नगर पालिका घोषित की थी, लेकिन तीन माह बाद ही नगर पालिका को फिर ग्राम पंचायत बना दिया। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने अप्रेल 2021 में ग्राम पंचायत से फिर नगर पालिका बनाई। जिसे अब गुरुवार को फिर से ग्राम पंचायत बना दिया।
फर्जी पट्टों को लेकर चर्चा में रही जावाल पालिका
जावाल ग्राम पंचायत से लेकर नगरपालिका में तब्दील होने तक फर्जी पट्टों को लेकर काफी चर्चा में रही है। पहले पंचायत के समय फर्जी पट्टे उजागर हुए। इसके बाद नगरपालिका के बनने के बाद भी फर्जी पट्टों का खेल उजागर हुआ। नगर पालिका बनने के बाद पंचायत के रिकॉर्ड को लेकर तालाबंदी भी हुई।आमजन में भी चर्चा
जावाल नगरपालिका को फिर से ग्राम पंचायत बनाए जाने पर स्थानीय लोगों में खासी चर्चा है। कई लोगों ने इसे विकास को लेकर अच्छा कदम बताया, तो कई लोगों ने नाराजगी जताई। हालांकि नगरपालिका बनने के बाद जावाल में सफाई, स्ट्रीट लाइट, गार्डन, फायर फाइट, सीएससी का निर्माण, सीसी रोड सहित कई विकास कार्य हुए हैं। यह भी पढ़ें