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पश्चिमी देशों के करोड़ों लोगों को नहीं पता कि उन्हें गंभीर फैटी लिवर की बीमारी है: अध्ययन

15 मिलियन से ज्यादा लोग जानलेवा लिवर डिजीज के शिकार हैं और उन्हें पता ही नहीं। अगर जल्द पहचान और इलाज न मिला तो इससे जान और पैसे दोनों का बड़ा नुकसान होगा।

जयपुरJun 08, 2025 / 05:43 pm

Shalini Agarwal

शालिनी अग्रवाल

जयपुर। एक नई रिसर्च के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्हें फैटी लिवर की सबसे खतरनाक बीमारी – MASH – है।
MASLD (Metabolic dysfunction-associated steatotic liver disease) वह बीमारी है जिसे पहले नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज कहा जाता था। यह उन लोगों को होती है जो शराब नहीं पीते या बहुत कम पीते हैं, लेकिन उनके लिवर में 5% से ज्यादा चर्बी जमा हो जाती है।
इस बीमारी से टाइप-2 डायबिटीज़ के करीब दो-तिहाई मरीजों के प्रभावित होने की संभावना होती है। यह मोटापे, दिल की बीमारियों और ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी समस्याओं से भी जुड़ी है।

इस बीमारी का गंभीर रूप है MASH (Metabolic dysfunction-associated steatohepatitis), जिसमें लिवर में सूजन और फाइब्रोसिस (दाग/स्कारिंग) हो जाती है, जो आगे चलकर सिरोसिस, किडनी रोग, हार्ट अटैक और लिवर कैंसर जैसी जानलेवा स्थितियों में बदल सकती है।
अध्ययन में पाया गया कि अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस में करीब 2 करोड़ लोग MASH से पीड़ित हैं, लेकिन उनमें से केवल 25 लाख लोगों की ही पहचान हो पाई है। यानी लगभग 1.67 करोड़ लोग ये नहीं जानते कि उन्हें ये गंभीर बीमारी है।
यह रिपोर्ट ‘लैंसेट रीजनल हेल्थ यूरोप’ में प्रकाशित हुई है और इसे स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित वैश्विक सम्मेलन में पेश किया गया। इसमें सुझाव दिया गया है कि 2022 की तुलना में अब इस बीमारी की पहचान दोगुनी गति से की जानी चाहिए।
पहले MASH की जांच के लिए लिवर बायोप्सी की जरूरत होती थी, लेकिन अब ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और MRI जैसी गैर-हानिकारक जांचों से भी इसका पता लगाया जा सकता है।

किसे जांच करानी चाहिए?
टाइप-2 डायबिटीज़ के मरीजों को

मोटापे से ग्रसित लोगों को (जिनमें अन्य जोखिम भी हों)

जिनकी लिवर एंजाइम्स की रिपोर्ट बार-बार खराब आती हो

डॉ. जेफ़्री लाज़रस, जो इस रिपोर्ट के मुख्य लेखक हैं, कहते हैं:
“MASH की अनजान बीमारी से अर्थव्यवस्थाओं को अरबों का नुकसान होता है। अगर समय रहते पहचान और इलाज नहीं बढ़ा, तो आने वाले 20 सालों में इलाज का खर्च तीन गुना हो सकता है।”
डॉ. इमैनुएल त्सोचात्ज़िस (University College London) का कहना है:

“15 मिलियन से ज्यादा लोग इस जानलेवा लिवर डिजीज के शिकार हैं और उन्हें पता ही नहीं। अगर जल्द पहचान और इलाज न मिला तो इससे जान और पैसे दोनों का बड़ा नुकसान होगा।”
इस अध्ययन के बाद वज़न कम करने वाले इंजेक्शन (जैसे Ozempic और Mounjaro) को MASH के इलाज में इस्तेमाल करने की मांग भी तेज हो गई है।

डॉ. पॉल ब्रेनन का कहना है कि ये दवाएं मेटाबॉलिज्म को सुधार सकती हैं, भूख कम करती हैं और वजन घटाकर लिवर में फैट व दाग को कम करने में मदद कर सकती हैं।
फैटी लिवर एलायंस के अध्यक्ष माइकल बेटल ने कहा:

“डायबिटीज़ और मोटापे से जूझ रहे ज्यादातर लोगों की MASH के लिए कभी जांच ही नहीं होती। जब तक पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।”
इस बीच, एक अलग अध्ययन में यह पाया गया कि डायबिटीज़ की दवा डापाग्लिफ्लोज़िन न सिर्फ ब्लड शुगर कम करती है, बल्कि लिवर की चर्बी और दाग भी कम कर सकती है।

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