script‘अंतिम’ टेलीस्कोप से पहली बार खींची गईं दूरस्थ आकाशगंगाओं की तस्वीरें | Patrika News
खास खबर

‘अंतिम’ टेलीस्कोप से पहली बार खींची गईं दूरस्थ आकाशगंगाओं की तस्वीरें

चिली स्थित वेरा सी. रुबिन वेधशाला से ब्रह्मांड के 10 साल के सर्वेक्षण की शुरुआत

जयपुरJun 23, 2025 / 06:42 pm

Shalini Agarwal

जयपुर। दूरस्थ आकाशगंगाओं, विशाल धूल भरे बादलों और तेजी से घूमते क्षुद्रग्रहों की शानदार तस्वीरें दुनिया के सबसे अत्याधुनिक टेलीस्कोप ने पहली बार भेजी हैं। ये तस्वीरें चिली की वेरा सी. रुबिन वेधशाला से ली गई हैं, जिसने ब्रह्मांड के 10 वर्षों के सर्वेक्षण की शुरुआत की है।
810 मिलियन डॉलर की लागत से बनी इस वेधशाला ने सिर्फ 10 घंटे की शुरुआती निगरानी में ही 2,104 नए क्षुद्रग्रह खोज निकाले — जिनमें से 7 पृथ्वी के निकट थे, लेकिन इनमें से कोई भी पृथ्वी के लिए खतरा नहीं माना गया है।
एडिनबरा यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और स्कॉटलैंड की खगोलशास्त्री रॉयल कैथरीन हेमन्स ने इन तस्वीरों पर कहा, “मैं तो दंग रह गई! ज़रा देखिए, कितनी खूबसूरत और चमकदार आकाशगंगाएं हैं यहां।”

उन्होंने यह भी कहा कि “पहली नजर” के लिए वर्जो क्लस्टर को चुनना खास मायने रखता है, क्योंकि यही वो स्थान था, जहाँ 1930 के दशक में खगोलविज्ञानी फ्रिट्ज ज़्विकी ने डार्क मैटर के अस्तित्व का अनुमान लगाया था।
चिली के एंडीज़ पर्वत में सेरो पाचोन की पहाड़ियों पर बनी यह 18-मंज़िला वेधशाला अब हर 3-4 दिन में पूरा दक्षिणी आकाश स्कैन करेगी और यह प्रक्रिया लगातार 10 सालों तक चलेगी।

इस दौरान:
  • 3,200 मेगापिक्सल की विशाल डिजिटल कैमरा लगे इस टेलीस्कोप से अरबों तारे, आकाशगंगाएं और अन्य खगोलीय घटनाएं दर्ज होंगी।
  • अब तक की सबसे बड़ी “खगोलीय फिल्म” तैयार होगी।
  • कोई भी हलचल या परिवर्तन होते ही खगोलशास्त्रियों को अलर्ट मिलेगा।
यूके भी इस अमेरिकी परियोजना में प्रमुख भूमिका निभा रहा है — छवियों को संसाधित करने के लिए दुनिया के तीन अंतरराष्ट्रीय डेटा केंद्रों में से एक वहीं स्थित है।
इस दशक लंबे सर्वे में:

  • 20 अरब से अधिक अनदेखी आकाशगंगाओं को मैप किया जाएगा।
  • 90 हज़ार से अधिक नए निकट-पृथ्वी क्षुद्रग्रहों की पहचान संभव है।
  • यह भी उम्मीद है कि ब्रह्मांड के रहस्यमय 95% हिस्से — डार्क मैटर और डार्क एनर्जी — की गहराई से समझ मिल सकेगी।
प्रो. आरोन रूडमैन के अनुसार, “इस वेधशाला की ताकत है ब्रह्मांड के इतने बड़े हिस्से को एक साथ देख पाने की क्षमता।”
यह टेलीस्कोप वैज्ञानिकों को न सिर्फ नए ग्रहों और तारों की खोज में मदद करेगा, बल्कि ब्रह्मांड के फैलाव की रफ्तार को भी मापने में मदद करेगा। साथ ही यह ‘प्लैनेट नाइन’ जैसे संभावित ग्रह की खोज में भी सहायक हो सकता है, जो नेप्च्यून के भी पार स्थित हो सकता है।
कुछ तस्वीरों में स्पेसएक्स के स्टारलिंक जैसे सैटेलाइट की चमकदार धारियां दिख सकती हैं, लेकिन ऑटोमैटिक एल्गोरिद्म से इन्हें हटाया जा सकेगा।

प्रो. हेमन्स ने कहा, “रुबिन एक असाधारण उपकरण है। यह वह टेलीस्कोप है जिसका हम वर्षों से इंतज़ार कर रहे थे। यही अंतिम टेलीस्कोप है।”

Hindi News / Special / ‘अंतिम’ टेलीस्कोप से पहली बार खींची गईं दूरस्थ आकाशगंगाओं की तस्वीरें

ट्रेंडिंग वीडियो