भारतीय किसान संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष जसवंत सिंह चंदी ने बताया कि मंगलवार शाम को तेज अंधड़ के साथ बरसात हुई। गांव 71 जीबी (मोघी), 67 जीबी, 68/2 जीबी, 5 यूडीएम, बांडा, बांडा कॉलोनी, 72 जीबी, 69 जीबी, 65 जीबी व 64 जीबी सहित अन्य इलाके प्रभावित हुए। उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह भी बरसात हो गई। सुबह खेतों में पानी खड़ा था। पानी सूखने के बाद सही स्थिति पता चलेगी। उन्होंने कहा कि पहले भी दो-तीन बार नरमा कुरण्ड हो गया था। यदि इस बार भी नरमा खराब हो गया तो नरमा की दोबारा बिजाई नहीं हो पाएगी क्योंकि नरमा बिजाई का समय निकल गया है।
डिग्गी की दीवार टूटी, खेजड़ी के पेड़ उखड़े
कुछ किसानों ने बताया कि हाल ही में जिन फसलों की बिजाई की थी, उस फसल को मौसम ने तबाह कर दिया। खेतों में पानी भरने और ओलों की मार से फसलें नष्ट हो गई हैं। गांव 21 एसजेएम के किसान बलदेव कुमार पुत्र राम नारायण ने बताया कि तेज हवाओं तथा ओलावृष्टि के कारण सौर ऊर्जा की प्लेट टूट गई, डिग्गी की दीवार टूट गई। दीवार के साथ खड़े 5 खेजड़ी के पेड़ भी उखड़ गए। चने के आकार के ओले भी गिरे
सूरतगढ़: नौतपा की समाप्त होने के साथ ही क्षेत्र में बरसात से आमजन को गर्मी से राहत मिली है। मंगलवार को रात्रि बरसात के साथ चने आकार के ओले भी गिरे।
प्रशासन अलर्टमोड पर
एसडीएम सुरेश राव ने बताया कि प्रशासन की ओर से क्षेत्र की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। खराब फसलों का आंकलन किया जा रहा है। संबंधित विभागों को अलर्ट कर राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। कई क्षेत्रों में मार्गों से पेड़ों को हटाने और विद्युत बहाली करने के निर्देश दिए गए हैं।