Elephant killed villager: दंतैल हाथी ने ग्रामीण को कुचलकर मार डाला, शव के किए कई टुकड़े, गुस्साए लोगों ने रेंजर से बोरे में उठवाया
Elephant killed villager: रात में अपने घर से निकलकर दूसरे घर में सोने जा रहा था ग्रामीण, इसी बीच दंतैल हाथी से हो गया सामना, शव को चौक पर रखकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, वन विभाग पर लापरवाही का आरोप
जरही. सूरजुपर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत सोनगरा में रविवार की रात दंतैल हाथी ने एक ग्रामीण को कुचलकर मार (Elephant killed villager) डाला। ग्रामीण अपने दूसरे घर में सोने जा रहा था। हाथी ने उसके शव के टुकड़े कर करीब 200 मीटर के दायरे में फैला दिया। सूचना मिलते ही रेंजर समेत वन अमला मौके पर शव लेने पहुंचा, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया। सोमवार की सुबह फिर रेंजर पहुंचे। इस दौरान गुस्साए ग्रामीणों ने उनसे बोरे में शव उठवाया, फिर चौक पर शव को रखकर चक्काजाम कर दिया।
ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि हाथी के आते ही क्षेत्र की बिजली गुल कर दी जाती है। मुनादी भी नहीं कराई गई। यदि बिजली नहीं कटवाई जाती तो ग्रामीण की जान (Elephant killed villager) बच सकती थी। प्रशासनिक अधिकारियों के अब बिजली नहीं काटने जाने के आश्वासन के घंटेभर बाद चक्काजाम समाप्त हुआ।
प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम सोनगरा के छबेलापारा निवासी फूलसाय राजवाड़े पिता हीरामन 57 वर्ष रविवार की रात करीब 8 बजे अपने दूसरे घर सारसताल के केंवरिहापारा जा रहा था। इसी दौरान दंतैल हाथी से उसका सामना हो गया।
बताया जा रहा है कि अंधेरा होने की वजह से वह हाथी को नहीं देख पाया और हाथी (Elephant killed villager) ने उसे कुचलकर मार डाला। हाथी ने उसके शव के कई टुकड़े कर दिए। कहीं उसका सिर पड़ा था तो कहीं धड़। हाथी ने शव को क्षत-विक्षत कर करीब 200 मीटर के एरिया में फैला दिया था।
Elephant killed villager: रात में पहुंचे रेंजर को ग्रामीणों ने भगाया
दंतैल हाथी द्वारा ग्रामीण को मार डालने की सूचना मिलते ही रात 9 बजे रेंजर उत्तम मिश्रा पिकअप लेकर वन अमले के साथ मौके पर पहुंचे। वे शव (Elephant killed villager) बरामद कर ले जाना चाह रहे थे लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें यह कहते हुए वहां से भगा दिया कि हम शव नहीं उठाने देंगे।
मृतक के परिजन को भी वन विभाग द्वारा सूचना नहीं दी गई है। सोमवार की सुबह 7 बजे से ही क्षेत्र के ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए। यहां पहुंचे रेंजर से उन्होंने शव के बिखरे टुकड़े को बोरे में उठवाया।
गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर मौजूद वन अधिकारियों को घेर लिया। इसके बाद अटल चौक पर शव को रखकर प्रदर्शन शुरु कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि रात में वन विभाग व विद्युत विभाग के कर्मचारी फोन नहीं उठा रहे थे। उन्होंने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि रात में हाथी (Elephant killed villager) के क्षेत्र में आने की सूचना उन्हें नहीं दी गई थी।
मुनादी भी नहीं कराई गई। वहीं हाथियों के आने पर क्षेत्र की बिजली गुल कर दी जाती है। यदि बिजली गुल नहीं कराई जाती तो शायद मृतक हाथी को देखकर भाग जाता या छिप जाता। इससे उसकी जान बच सकती थी।
अब नहीं काटी जाएगी बिजली
चक्काजाम की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार सरिता राजवाड़े व एसडीओपी रितेश चौधरी मौके पर पहुंचे। नायब तहसीलदार ने कहा कि अब हाथी के आने पर बिजली कटौती नहीं की जाएगी। बिजली नहीं काटे जाने की सहमति बनने के बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम (Elephant killed villager) समाप्त कर दिया। चक्काजाम करीब घंटेभर चला।
वहीं विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वन विभाग द्वारा हाथी के आने-जाने की जानकारी देने पर ही विद्युत सप्लाई रोकी जाती है। ऐसा आदेश मुख्य वन संरक्षक का है। यदि वन विभाग चाहे तो टीम बनाकर हाथियों को क्षेत्र से खदेड़ा जा सकता है। पूर्व में ऐसा हो चुका है।
इस संबंध में पूर्व मंत्री व प्रतापपुर क्षेत्र के पूर्व विधायक डॉ. प्रेमसाय सिंह (Elephant killed villager) का कहना है कि इस सरकार में हाथियों की सूचना देने वाला तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका है। सूचना तंत्र पर विभाग द्वारा खर्च तो काफी किया जाता है लेकिन उसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।
सूचना के अभाव में लोगों की जान जा रही है। इधर ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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