ग्रामीण पूरी रात शव के साथ घटनास्थल पर डटे रहे। सुबह जिला कलक्टर टोंक को मौके पर बुलाकर आरोपी को गिरफ्तार करने, क्षेत्र में अवैध बजरी खनन बंद करवाने, मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिलाने के साथ ही एक परिजन को सरकारी नौकरी दिलाने आदि मांगों पर अड़ गए। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
महिलाओं ने पुलिस को मौके से भगाया
घटना के बाद गुरुवार सुबह देवली उनियारा विधायक राजेंद्र गुर्जर, देवली उपखंड अधिकारी मनोज मीणा, देवली पुलिस उपाधीक्षक राम सिंह, देवली थानाधिकारी दौलत राम गुर्जर सहित गिरदावर व हल्का पटवारी आदि मौके पर पहुंचे। जहां एकत्र भीड़ से समझाइश का प्रयास किया मगर ग्रामीणों ने क्षेत्र में अवैध बजरी खनन को बंद करवाने के साथ ही अपनी अन्य मांगों पर अड़े रहे। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी घटना स्थल से कुछ दूरी पर खड़े थे। जिससे महिलाओं की भीड़ आक्रोशित हो उठी ओर पुलिस पर हमला बोल दिया। यहां भी मौके की नजाकत देख पुलिसकर्मियों को भागना पड़ा।
दो माह पूर्व भी हुआ हत्या का प्रयास
परिजनों का कहना है कि बजरी खनन माफियाओं ने पप्पू गुर्जर पर करीब दो माह पूर्व भी जानलेवा हमला किया था। जिसका मुकदमा भी देवली थाने में दर्ज है।