राजस्थान में अंबेडकर की मूर्ति को किया खंडित, पुलिस ने चार संदिग्धों को पकड़ा; बताई ये बड़ी वजह
राजस्थान में आदिवासी समाज के महापुरुष बिरसा मुंडा और डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के खंडित होने पर लोगों ने पुलिस और प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की।
टोंक जिले के दतवास उप तहसील कार्यालय के समीप स्थित आदिवासी समाज के महापुरुष बिरसा मुंडा और डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के खंडित होने पर लोगों ने पुलिस और प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। साथ आक्रोशित ग्रामीणों ने डॉ.अंबेडकर की मूर्ति खंडित करने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की गई। ऐसे में पुलिस ने 3-4 संदिग्धों लोगों को पकड़ा हैं।
इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने बताया कि आरोपी ने जमीनी विवाद के कारण यह अपराध किया है। घटना स्थल के पास ही खाते की जमीन है। जहां ये दोनों प्रतिमाएं लगी है, वह जमीन किसी व्यक्ति की खाते की जमीन बताई गई है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।
सोमवार को अंबेडकर जयंती मनाने के लिए लोग उप तहसील दत्तवास के समीप बने स्मारक पहुंचे। जहां बाबा सहाब की मूर्ति पर लगा चश्मा टूटा हुआ मिला। बाबा साहब की खंडित मूर्ति देखकर लोग बिफर गए और पुलिस के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। घटना की सूचना मिलते ही दत्तवास थानाधिकारी कालूराम जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे और अंबेडकर की मूर्ति के समक्ष प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन लोगों ने पुलिस की एक नहीं सुनी। दत्तवास थानाधिकारी ने उच्चाधिकारियों को मामले के बारे में बताया।
इसके बाद निवाई उपखंड अधिकारी सुरेश कुमार हरसोलिया, निवाई थानाधिकारी रामजीलाल बैरवा सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। जहां प्रदर्शनकारियों से विस्तार से चर्चा कर समझाने का प्रयास किया। विरोध जता रहे लोगों ने उपखंड अधिकारी को पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा।