अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सतर्कता) महेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि सतर्कता शाखा के अधिकारियों ने संयुक्त कार्रवाई कर टोंक शहर की विभिन्न कॉलोनियों एवं क्षेत्रों में विद्युत चोरीकर्ताओं के परिसरों की गहन सतर्कता जांच की, जिसमें 282 उपभोक्ता, गैर उपभोक्ता विद्युत चोरी करते पाए गए जिस पर दोषियों के विरूद्ध 282 के खिलाफ वीसीआर भरी गई और करीब एक करोड़ का जुर्माना लगाया गया। सूत्रों के अनुसार इस मामले में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के पास शिकायतें पहुंची थी। इसके बाद कार्रवाई की गई
अति. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि टीमों द्वारा मौके से सभी विद्युत मीटरों व अवैध केबल जब्त कर उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन काट दिए गए हैं। इन प्रकरणों में जुर्माना राशि जमा करवाने के लिए नोटिस जारी करने की कार्रवाई की जा रही है। जुर्माना राशि तय समय में जमा नहीं करवाने पर विद्युत चोरी निरोधक पुलिस थाने पर मुकदमा दर्ज करवाया जावेगा। विद्युत चोरों की धरपकड़ हेतु विशेष सतर्कता जांच अभियान आगे भी चलाया जाएगा।
मीटर रीडर को दी जाए जिम्मेदारी
बिजली चोरी पर रोक के लिए शहर के मीटर रीडर को जिम्मेदारी दी जाए। वह प्रति माह मीटर रीडिंग लेने जाए तो चोरी की रिपोर्ट भी पेश करें, इससे बिजली चोरी पर अंकुश लग जाएगा।
कई राजनेताओं के भी पकड़ी
विभागीय सूत्रों की माने तो बिजली चोरों के खिलाफ की गई कार्रवाई में राजनीतिक दलों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। वहीं जयपुर विद्युत वितरण निगम टोंक के अधीक्षण अभियंता के एल पटेल ने बताया कि टोंक शहर में बढ़ते बिजली लोड को ध्यान में रखते हुए डिस्कॉम स्तर से यह कार्रवाई की गई है। जिसकी सूचना उच्चाधिकारियों सहित टोंक जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों को दी गई थी।
18 ब्लॉकों में 12 टीमें बनाई
बिजली विभाग टोंक के एक्सईएन (सतर्कता) विजय सिंह मीणा ने विजय सिंह मीना ने बताया कि टोंक शहर को 18 ब्लॉकों में बांटा गया था । बिजली चोरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए 12 टीमें बनाई गई थी जिनमें बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर,जयपुर शहर, ग्रामीण सहित अन्य जिलों के अधिकारी तथा टोंक जिले के 11 सहायक अभियंताओं को शामिल किया गया था।उन्होंने बताया कि इस कार्यवाही में 50 पुलिसकर्मी भी शामिल थे।अधीक्षण अभियंता पटेल ने बताया कि विभाग की तरफ से सभी 282 विद्युत उपभोक्ताओं को नोटिस जारी करके पंद्रह दिन में राशि जमा कराने के निर्देश दिए हैं।
शहर में बना चर्चा का विषय
विद्युत वितरण निगम ने शहर में बिजली चोरी पर सही कार्रवाई की है। लेकिन कई बिजली चोरी करने वालों के पास रात डेढ़ से दो बजे ही फोन आने शुरू हो गए। ऐसे में उक्त लोगों ने टीम आने से पहले ही बिजली के तार पोल से हटा लिए। कई महीनों से बड़े स्तर पर बिजली चोरी करने वाले ज्यादातर बच गए। जबकि छोटे लोग पकड़ में आ गए। ये मुद्दा दिनभर शहर में यह चर्चा का विषय बना रहा।