देवली में नगर पालिका का गठन वर्ष 1923 में हुआ था। ब्रिटिश काल में क्षेत्र अजमेर मेरवाड़ा अंतर्गत आता था।अब यहां नई -नई कॉलोनियों के आबाद होने से शहर का विस्तार बढ़ गया। कॉलोनीवासी उन्हें पालिका में शामिल करने की मांग उठा रहे है। विशेष बात यह है कि आजादी बाद भी राजस्व ग्राम देवली में पालिका एवं पंचायत दोनों अलग संस्थाएं है। 22 वर्ष पहले बने पालिका के मास्टर प्लान में देवली गांव,अंबापुरा,दोलता पेराफेरी क्षेत्र है। यहां सरकारी भवन, कार्यालय, श्मशान आदि भूमि की अनुमति भी नगर पालिका दे रही है।
देवली गांव पंचायत में राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय,पशु उप स्वास्थ्य केंद्र,आंगनबाड़ी केंद्रों को नए निर्माण के लिए भूमि की जरूरत लंबित है।अभी प्रदेश में सभी निकायों व पंचायतों का पुनर्गठन, सीमांकन कार्य चल रहा है।जिसके तहत प्रशासनिक स्तर पर प्रस्ताव तैयार किए जा रहे है।पालिका में सीमा वृद्वि आवश्यक है जिसको लेकर उच्च स्तर पर भी प्रयास हो रहे है। शहर में सीआईएसएफ, उपखंड अधिकारी कार्यालय समेत कई ब्लॉक स्तरीय विभागीय कार्यालय है।
पालिका सीमा वृद्वि पर गांव की जनता की भावना के अनुरूप प्रस्ताव होना चाहिए। जनता जिसमें खुश रहे, मैं आमजन की सहमति के साथ हूं।- राजेंद्र गुर्जर, विधायक देवली उनियारा इसके विस्तार में देवली गांव,अंबापुरा,दोलता तथा बोयड़ा राजस्व ग्राम को जोड़ा जा सकता है। जिससे पालिका क्षेत्रफल करीब तीन हजार हैक्टेयर बढ़ेगा। सीमा वृद्वि हुई तो यहां वार्डो की संया 35 होगी। 2011 की जनगणना में जनसंया देवली में 22 हजार,देवली गांव में 8 हजार, अंबापुरा, दोलता व बोयडा की करीब 5 हजार मिलाकर 33 हजार होती है।
बनास नदी किनारे पर धार्मिक स्थल बोयडा गणेश जी है।यह बीसलपुर बांध के जलभराव से क्षेत्र पर्यटक स्थल बन सकता है।पालिका क्षेत्र का हिस्सा बनने पर धार्मिक के साथ पर्यटक के रूप में विकसित हो सकता है। जिससे व्यापार व रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।