पारंपरिक लोक संगीत की मशाल वाहक कौन?
अपनी मधुर आवाज और बहुमुखी प्रतिभा से आनल श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। गुजराती लोक संगीत में गहरी जड़ें रखने वाली आनल, पारंपरिक धुनों को आधुनिकता के साथ जोड़कर एक नया आयाम देती हैं। गरबा, भजन और लोक गीतों से लेकर आधुनिक प्रस्तुतियों तक, उनकी गायकी में भारतीय ग्रामीण संस्कृति की आत्मा बसती है। ऐसे में वह पारंपरिक लोक संगीत की मशाल वाहक हैं।
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हर साल नवरात्रि के मौके पर गरबा
इसके अलावा, हर साल नवरात्रि के मौके पर उनके गरबा गीतों की प्रस्तुति लोक संगीत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। वे चाहती हैं कि पारंपरिक लोक कलाएं वैश्विक मंच पर पुनः अपनी पहचान बनाएं। उनका कहना है कि संगीत मेरी आत्मा में बसता है। यही बात उनके जुनून और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आने वाले समय में आनल अपने नए प्रोजेक्ट्स के जरिए लोक संगीत को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने की तैयारी में हैं। उनका अब तक का सफर काफी शानदार रहा। यह भी पढ़ें: इफ्तार पार्टी पर बुरे फंसे थलापति विजय, एक्टर के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की कंप्लेंट