Girija Vyas Passed Away : मेवाड़, महिला, मजदूर की आवाज बुलंद करने वाली गिरिजा व्यास खामोश, आज शाम होगा अंतिम संस्कार
Girija Vyas Passed Away : मेवाड़, महिला और मजदूर वर्ग की आवाज को राष्ट्र स्तर तक बुलंद करने वाली बेटी खामोश हो गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का गुरुवार शाम निधन हो गया। गिरिजा व्यास का अंतिम दर्शन दैत्य मगरी आवास पर शुक्रवार सुबह 10 से 12 बजे तक किए जा सकेंगे। अपह्रान 4 बजे अंतिम यात्रा निकलेगी, जो अशोकनगर मोक्षधाम पहुंचेगी। फिर उनका अंतिम संस्कार होगा।
फाइल फोटो : पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी व गिरिजा व्यास (दोनों की ही मृत्यु हो चुकी है)
Girija Vyas Passed Away : मेवाड़, महिला और मजदूर वर्ग की आवाज को राष्ट्र स्तर तक बुलंद करने वाली बेटी खामोश हो गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का गुरुवार शाम निधन हो गया। वे केंद्रीय मंत्री पद तक पहुंचने वाली मेवाड़ की एक मात्र नेत्री थीं। कभी उनकी आवाज संसद के गलियारों में गूंजती थी, जो महिलाओं के अधिकार को प्रभावी ढंग से रखती थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री और नारी सशक्तीकरण की मिसाल डॉ. गिरिजा व्यास का गुरुवार शाम को निधन हो गया। उनके निधन का समाचार सुनकर प्रदेशभर में शोक का माहौल हो गया। अहमदाबाद के निजी अस्पताल में एक माह से उनका इलाज चल रहा था। पूजा करते हुए 90-95 प्रतिशत झुलसने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। वे एक माह तक जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही और आखिर निधन हो गया। वे एक अच्छी शिक्षिका और महान दार्शनिक थीं, उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता
गिरिजा व्यास छात्र राजनीति से निकली। वे शिक्षक के बाद राजनीति के बड़े से बड़े ओहदे पर पहुंची। युवा महिला की राजनीति में मौजूदगी का बेहतरीन उदाहरण गिरिजा व्यास को माना जाता है। लिहाजा वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके परिवार के काफी करीब और पहली पसंद रही। वे सिर्फ एक राजनीतिक शख्सियत नहीं, बल्कि एक विचार थीं।
शिक्षक जीवन में भी बड़ा योगदान
डॉ. गिरिजा व्यास दर्शन शास्त्र की ज्ञाता रहीं। मोहनलाल सुखाडिय़ा यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हुए उन्होंने कई विद्यार्थियों को जीवन की सीख दी। उनके संपर्क में आए कई विद्यार्थी प्रेरित हुए और राजनीति में भाग्य आजमाया। चाहे सांसद हो या विधायक, वे जिस पद पर रहीं, जिम्मेदारियों को शत प्रतिशत निभाया और बेहतर से बेहतर परिणाम दिया।
जब गिरिजा अहम पद पर थीं, तब ही उदयपुर को शिल्पग्राम मिला, जिसकी पहचान आज देश-दुनिया में है। उदयपुर की प्यास बुझाने में अहम भागीदारी निभाने वाला जयसमंद प्रोजेक्ट भी उन्हीं के प्रयासों से मिला। केंद्रीय मंत्री का पद हो या महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं हो, हर बार उन्होंने मेवाड़ को जेहन में रखकर बेहतर परिणाम दिए।
डॉ. व्यास की पार्थिव देह लेकर अहमदाबाद से निकले उनके भाई एवं कांग्रेस के पूर्व शहर जिलाध्यक्ष गोपाल कृष्ण शर्मा, पुष्पा शर्मा, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. अलका शर्मा देर रात उदयपुर पहुंचे। अंतिम दर्शन दैत्य मगरी आवास पर शुक्रवार सुबह 10 से 12 बजे तक किए जा सकेंगे। अपह्रान 4 बजे अंतिम यात्रा निकलेगी, जो अशोकनगर मोक्षधाम पहुंचेगी।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली शुक्रवार सुबह 6.25 बजे जयपुर के सांगानेर हवाई अड्डे से रवाना होकर 7.30 बजे उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचेंगे। कांग्रेस प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता पंकज शर्मा ने बताया कि डोटासरा एवं जूली उदयपुर आकर डॉ. गिरिजा व्यास की अंतिम यात्रा में शामिल होंगे।
कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष फतहसिंह राठौड़, देहात जिलाध्यक्ष कचरूलाल चौधरी, देहात प्रवक्ता डॉ. संजीव राजपुरोहित, शहर जिला संगठन महासचिव अरुण टांक ने डॉ. गिरिजा व्यास के निधन पर शोक जताया। कहा कि उनका निधन कांग्रेस और उदयपुर के लिए अपूरणीय क्षति है। वे दूरदर्शी, सेवाभावी व्यक्तित्व की धनी थीं। इधर, भाकपा माले के राज्य सचिव शंकरलाल चौधरी ने गहरा शोक जताया।