भाव बढ़ने और कम होने की वजह
1- पिछले 5 साल से जब भी वैश्विक स्तर पर असामान्य स्थिति बनी तो अर्थव्यवस्था में भी उतार-चढ़ाव आता है। ऐसे में सोने-चांदी की कीमतों पर असर आना स्वाभाविक है।2- देश में पांच साल पहले नोटबंदी हुई, तब अचानक बंद हुए नोट के कारण मानसिकता यह हो गई कि नकदी कभी भी जीरो हो सकती है, जबकि सोना-चांदी कभी जीरो नहीं होगा।
3- शेयर बाजार में पिछले कुछ साल में अस्थिरता की स्थिति है। लोगों का भारी निवेश भी मुनाफा नहीं दे पाया। कई लोगों को घाटा हुआ। ऐसे में रुझान सोने-चांदी की तरफ बढ़ा है।
10 दिन में इस तरह बदले भाव
दिनांक- सोना स्टैंडर्ड- चांदी टंच19- फरवरी – 88800 – 97500
20- फरवरी – 89000 – 98250
21- फरवरी – 88700 – 97500
22- फरवरी – 88800 – 97200
23- फरवरी – 88800 – 97200
24- फरवरी – 89100 – 97400
25- फरवरी – 89250 – 97300
26- फरवरी – 88700 – 97660
27- फरवरी – 88150 – 97150
28- फरवरी – 87500 – 95680
01- मार्च – 87400 – 95450 ।
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रेकॉर्ड पर रेकॉर्ड
हर दिन बढ़ रहे सोने की दरों ने रेकॉर्ड पर रेकॉर्ड कायम किया। पहली बार 25 फरवरी को सोने के भाव 89 हजार 250 रुपए तोला पहुंच गए थे। इसी तरह चांदी के भाव भी पहली बार 20 फरवरी को 98 हजार 250 रुपए प्रति किलो हो गए थे। पूरे फरवरी में भारी तेजी रही। सोने-चांदी दोनों में करीब चार-चार हजार रुपए की तेजी देखी गई।Good News : खाटू श्याम के लिए नई बस सेवा शुरू, जानें रूट और किराया
चार बार टूटे भाव
पिछले दस दिनों की स्थिति देखें तो सोने-चांदी के भाव में लगातार उतार-चढ़ाव रहा। Gold के भाव 4 बार बढ़े तो 4 बार कम भी हुए, जबकि चांदी के भाव 4 बार बढ़े तो 5 बार कम हुए। लिहाजा भाव में गिरावट का प्रभाव ज्यादा देखने को मिला है। यही स्थिति आगामी दिनों में रहने की संभावना है।राजस्थान के परिवहन विभाग ने जनता को दी बड़ी राहत, अब नहीं लगाने पड़ेंगे RTO के चक्कर
निवेश के लिए अभी करना होगा इंतजार
सर्राफा बाजार में तेजी वैश्विक स्तर पर बने कारणों से रही, जिनमें अब सुधार हो रहा है। निवेश के लिहाज से अब भी समय उचित नहीं है। निवेश के लिए अभी दरों में और सुधार का इंतजार करना ही उचित होगा।यशवंत आंचलिया, अध्यक्ष, श्री सर्राफा एसोसिएशन
युद्ध विराम के संकेत मिले तो भाव टूटे
युद्ध विराम के संकेत मिले तो भाव टूटे हैं। भाव अब और नीचे उतरने की संभावना है। कुछ ओर भाव घटता है तो निवेश का अवसर आएगा। फिलहाल अभी निवेश का समय नहीं है। सप्ताहभर में स्थिति स्पष्ट होगी।इंदरसिंह मेहता, संरक्षक, राजस्थान सर्राफा संघ