क्या सामग्री भी घटिया है?
इस बार पहली बरसात 5 मई को आ गई थी। इसके बाद 5-7 दिन के अंतराल में बरसात का क्रम बना रहा। फिर भी बिजली लाइनों में अहम भूमिका निभाने वाले इंसुलेटर फेल हो रहे हैं, जबकि माना जाता है कि एक बरसात के बाद सिस्टम जम जाता है और बार-बार फॉल्ट नहीं होते। क्या यह सामग्री भी घटिया है?
क्या मौसम ही जिम्मेदार?
मई में बिजली सिस्टम बिगडऩे को लेकर विद्युत निगम के इंजीनियर्स से बात करने पर मौसम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कहते हैं कि मई में पूरे माह बरसात आती-जाती रही, जिससे समस्या बनी रही। मानसून शुरू होने पर बरसात का क्रम एक जैसा बना रहता है तो फॉल्ट-ट्रिपिंग की इतनी समस्या नहीं आती।
निगम का कुप्रबंधन
– पिछले महीनों में तकनीकी कर्मचारियों को मीटर रीडिंग और स्पॉट बिलिंग में लगा दिया। ऐसे में निगम के पास कुशल तकनीकी कर्मचारी ही नहीं रहे। – बिजली निगम ने ज्यादातर काम तकनीकी होता है, जो निजी हाथों में दे दिया गया। पहले पावर हाउस सौंपे और अब शिकायत निवारण भी निजी है। – पहले तकनीकी कर्मचारी किसी शिकायत का समाधान करने जाते, तब समस्या से जुड़ी आगे की संभावना का फीडबैक ध्यान में रखकर काम करते। – अब समस्या समाधान के साथ भविष्य की संभावनाओं का फीडबैक नहीं लिया जा रहा है, जिससे एक ही जगह बार-बार समस्या उत्पन्न हो रही है।
– बिजली लाइनें, ट्रांसफार्मर सहित तकनीकी सामग्री की मियाद को ध्यान में रखते हुए प्री-मानूसन मेंटिनेंस नहीं किया गया, तो बार-बार समस्या आ रही। – पिछले दिनों में 11 केवी लाइनों का प्री-मानसून मेंटिनेंस तो हो गया, लेकिन हर दिन लगातार होने वाले छोटे-छोटे मेंटिनेंस कार्य पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
– पहले प्रत्येक सबडिवीजन में शिफ्ट के अनुसार 4-4 कर्मचारियों की टीम के अलावा 5 कार्मिकों की स्पेशल टीम काम करती थी, जो अब नहीं है।
यह जानें स्थिति
08 बिजली सबडिवीजन है शहर में 02 सबडिवीजन अंदरुनी शहर के हैं 06 सबडिवीजन में परेशानी ज्यादा 03 सबडिवीजन में ज्यादा बुरे हाल
यह बोले शहरवासी
बिजली की समस्या से काफी परेशानी बनी हुई है। हर रोज बिजली बंद होती है और शिकायत करवानी पड़ रही है। मामूली हवा चलते ही बिजली बंद हो जाती है। गर्मी में हालत खराब होती है। परितोष पुरोहित, चिकलवास बिजली तो कभी भी बंद हो जाती है। रात को फॉल्ट से बंद हुई बिजली सुबह तक नहीं सुधर पाती। मनवाखेड़ाहिरणमगरी क्षेत्र में ज्यादा समस्या है। ये तो आए दिन की परेशानी बनी हुई है।
चर्चिल जैन, श्रीराम विहार सेक्टर-4 दिन में बिजली बंद तो व्यापारी परेशान और रात को बिजली बंद तो नींद निकालना भी मुश्किल हो जाता है। बरसात पर परेशानी ज्यादा, लेकिन बिना बरसात के भी समाधान तो नहीं हो रहा है।
प्रेम ओबरावल, संस्थापक, नीमचखेड़ा व्यापार मंडल अंदरुनी शहर में जहां अंडरग्राउंड लाइनें है और पेड़ गिरने की दिक्कत ही नहीं है, वहां भी बार-बार बिजली बंद हो रही है। इंजीनियर्स को शिकायत करते हैं। हर बार आगे से बिजली बंद होना बताते हैं।
पुरुषोत्तम सुखवाल, ईलाजी का नीम, गणेशघाटी बिजली दिन हो या रात, कभी भी बंद हो जाती है। शनिवार को भी पूरी रात बिजली बंद थी। शिकायत केंद्र का कॉल ही नहीं लगता। देर रात फतहपुरा स्थित केंद्र पर जाते हैं तो कोई नहीं मिलता।
रविंद्रसिंह चौहान, बेदला बिजली की समस्या तो बुरी तरह से आहत किया है। हर घर में तो इन्वर्टर की सुविधा नहीं होती। बिजली बंद तो घर के कामकाज प्रभावित होते हैं, वहीं गर्मी में समय काटना भी मुश्किल होता है।
डॉ. धारणा श्रीमाली, सेक्टर-3 नोखा