इससे आमजन को 18 के बजाय 42 रुपए में चीनी खरीदना मजबूरी बन गई है। वहीं, देश के कई राज्यों में अभी भी चीनी आपूर्ति की जा रही है। राजस्थान में अंतिम बार मार्च 2021 में चीनी का आवंटन हुआ था। इसके बाद न योजना बंद होने का आदेश आया और न ही चीनी का आवंटन किया गया।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से 31 मार्च 2021 को दिए आदेश के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 के दूसरी और तीसरी तिमाही (जुलाई से दिसम्बर 2020) के कोटे की चीनी वितरण के लिए उचित मूल्य दुकानदारों को आवंटन किया गया था।
महंगी चीनी खरीदना मजबूरी
प्रत्येक परिवार को एक किलो चीनी प्रति माह देने का आदेश था। दुकानों से अंत्योदय परिवारों को पोस मशीनों के माध्यम से वितरण करने का भी उल्लेख किया गया। ऐसे में शहर एवं गरीब परिवारों को महंगी चीनी खरीदना मजबूरी बन गई है।
पोस मशीनों से विकल्प ही हटा
अंतिम बार हुए आवंटन के तुरंत बाद ही राशन डीलर की पोस मशीनों से चीनी का ऑप्शन ही हटा दिया गया। ऐसे में अंतिम बार आवंटित चीनी भी लाभार्थी परिवारों तक नहीं पहुंची। कहीं आधी अधूरी चीनी बंटी तो कहीं डीलर्स के यहां पड़ी-पड़ी ही खराब हो गई। वास्तव में लाभार्थी परिवारों को चीनी मिली या नहीं, कोई हिसाब देने की स्थिति में नहीं है।
प्रति परिवार मिलती थी 6 किलो चीनी
योजना में प्रत्येक लाभार्थी परिवार को 6 किलो चीनी अप्रेल 2021 तक वितरित किया जाना निर्धारित था, जो 18 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से देने का प्रावधान था। वर्तमान में बाजार में चीनी की कीमत करीब 42 रुपए प्रति किलो है। चार साल से सस्ती चीनी नहीं मिलने की स्थिति में लाभार्थी को परिवार बाजार से करीब ढाई गुना कीमत में चीनी खरीदने को मजबूर हैं। ऐसे में चार साल से रियायती दर की चीनी मिलने से घर के बजट में भी काफी असर पड़ा है।
प्रदेश में अंतिम बार 2021 में हुआ आवंटन
केंद्र सरकार की योजना के तहत बीपीएल और अंत्योदय परिवारों को चीनी मिलती थी, जिसमें से बीपीएल परिवारों का आवंटन बंद कर दिया। परिवारों की चीनी बंद होने का कोई आदेश नहीं है, लेकिन
राजस्थान में आवंटन भी नहीं हो रहा है। कुछ राज्यों में चीनी की आपूर्ति हो रही है, जबकि कुछ में राशि भुगतान किया जा रहा है। आवंटन के बारे में कुछ कह नहीं सकते।
- आनन्द राठौड़, प्रबंधक, खाद्य आपूर्ति निगम
सस्ते अनाज के साथ ही सस्ती चीनी भी आम नागरिक की जरूरत है। जो परिवार पूर्व में इस योजना के लाभार्थी रहे हैं, उन्हें पुन: चीनी देने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
- रोशन लाल प्रदेश महामंत्री, ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन