गौरतलब है कि शहरी क्षेत्र में आ चुकी ग्राम पंचायतों को दो दशक से शहरी सीमा में शामिल होने का इंतजार था। राजस्थान पत्रिका की मुहिम ‘निगम मांगे विस्तार, सुविधाओं की दरकारÓ के बाद आखिर राज्य सरकार ने नगर निगम सीमा का विस्तार करते हुए 19 ग्राम पंचायतों के 33 गांवों को इसमें शामिल कर दिया। आदेश से संबंधित क्षेत्र के रहने वाले लोगों का दो दशक पुराना सपना साकार हुआ है। इससे पहले उदयपुर शहर की सीमा का विस्तार 1969 में हुआ था। शहर के आसपास के गांवों का शहरीकरण हो गया, लेकिन वे शहर का हिस्सा नहीं बन पाए थे। लोगों की परेशानी समझते हुए राजस्थान पत्रिका आमजन की आवाज बना और मुहिम छेड़ी, जिसे आमजन का भरपूर साथ मिला।
बांटी मिठाइयां, हुई आतिशबाजी
निगम सीमा विस्तार होने के बाद क्षेत्रवासियों ने मिठाई बांटकर व आतिशबाजी कर खुशियां जताई। वहीं शहर में कई जगह होर्डिंग लगवाकर पत्रिका का आभार जताया। बडग़ांव में आरा मशीन व्यापार मंडल की ओर से आतिशबाजी कर मिठाई बांटी गई। व्यापारियों ने कहा कि राजस्थान पत्रिका की मुहिम से बरसों पुरानी मांग पूरी हुई है।
इनका कहना …
लोगों की बरसों की आस पूरी हुई है। इससे शहर के विकास को नए आयाम मिलेंगे। हम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और राजस्थान पत्रिका का इसके लिए आभार व्यक्त करते हैं। इससे संगठनात्मक दृष्टि से भी नए कार्यकर्ताओं को आगे आने का अवसर मिलेगा। अब हमें अपनी विरासत को बचाते हुए संतुलित विकास के प्रयास करने होंगे। – रवींद्र श्रीमाली, शहर जिलाध्यक्ष, भाजपा उदयपुर नगर निगम सीमा विस्तार पत्रिका की मुहिम का बड़ा असर रहा। आसपास के गांवों को निगम सीमा में शामिल करने से इन गांवों का नियोजित विकास हो सकेगा। आमजन को उनके मकानों के पट्टे मिलेंगे। पंचायत के पास इतना बजट नहीं होता कि जनता की मूलभूत जरूरतों से जुड़े सभी काम करवा सके। अब जनता के काम और तेज गति से और समय पर हो सकेंगे। इस आदेश से क्षेत्र में खुशी का माहौल है।
– भुवनेश व्यास, पंचायत समिति सदस्य,बड़गांव उदयपुर नगर निगम सीमा विस्तार की दरकार कई वर्षों से थी। शहर के बीच रहने वाले लोगों को ग्रामीण पहचान खलती थी। यह एक तरह से बड़ी विसंगती थी। जिसे लोग मजबूरन झेलते आ रहे थे। राजस्थान पत्रिका ने शहर बड़े हिस्से को उसकी मूल पहचान दिलाने का काम किया है। हम लोग यह मांग कई वर्षों से करते आ रहे थे।
– हरीश राजानी, चेयरमैन, सनराइज ग्रुप