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ऐसे खुला था घोटाले का राज
27 दिसंबर 2024 को मप्र वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक अविनाश व्यास ने घट्टिया थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। एफआईआर के मुताबिक, 2020-21 में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया गेहूं(Ujjain Wheat Scam) कांग्रेस नेता विजय सिंह गौतम के बच्चूखेड़ी स्थित ‘श्री गौतम वेयरहाउस’ में रखा गया था। इस गेहूं रूपी अमानत में खयानत की गई। एसडीएम राजाराम करजरे के नेतृत्व में जांच टीम ने जब वेयरहाउस का निरीक्षण किया, तो रिकॉर्ड के मुताबिक मौजूद 28,174 बोरियों में से सिर्फ 12,006 बोरियां मिलीं। बोरी के रूप गेहूं की जगह भूसा, कंकड़, डस्ट और छानन भरा था। बाकी की 16,168 बोरियां गायब थीं। इस हेराफेरी से शासन को 3.5201664 करोड़ रुपए का सीधा नुकसान हुआ। ये भी पढें- उज्जैन व्यापार मेले ने तोड़ा ग्वालियर का रिकॉर्ड, 46 दिन में बिक गए 36 हजार से ज्यादा वाहन
पुलिस की कार्रवाई
थाना प्रभारी डीएल दसोरिया के नेतृत्व में गठित टीम ने 9 अप्रैल को मुय आरोपी कांग्रेस नेता विजय सिंह गौतम को गिरतार किया। अगले ही दिन उसकी निशानदेही पर सह आरोपी नरेंद्र जाट को पकड़ा गया। तीसरे आरोपी, शाखा प्रबंधक भगवान पटेल की तलाश अभी जारी है। इनके खिलाफ बीएनएस 2023 की धारा 318, 338, 336, 326, 316 और मप्र एग्रीकल्चर वेयरहाउसिंग एक्ट की धारा 23 के तहत केस दर्ज किया गया है। ये भी पढें – कोर्ट में पेशी के दौरान गश खाकर गिरा वाहन चोर फिर मौत