करीब दो लाख हेक्टेयर कृषि भूमि और 55 हजार से अधिक मुरब्बों के लिए बने इन कार्यालयों में किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। किसान खातेदारी सनद, कृषि भूमि की नकल और अन्य आवंटन कार्यों के लिए हर दिन सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करके कार्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन बिना अधिकारी के कोई सुनवाई नहीं हो रही। हालात यह हैं कि किसानों को हर बार खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
तहसील स्तर पर भी अफसरों की कमी
मोहनगढ़ की दोनों उपनिवेशन तहसीलों में तहसीलदारों के पद भी खाली हैं। मौजूदा स्थिति यह है कि एकमात्र नायब तहसीलदार ही पूरा प्रशासनिक भार संभाले हुए हैं। काम का दबाव इतना ज्यादा है कि कई बार जरूरी फाइलें हफ्तों तक बिना निपटारे के पड़ी रहती हैं। इससे किसानों को न तो खातेदारी के कागज मिल पा रहे हैं और न ही कृषि संबंधी अन्य जरूरी दस्तावेज।
रुके है काम… इसलिए किसान परेशान
अखिल भारतीय किसान सभा के जिला संयोजक साहबान खां ने कहा कि बिना एसीसी के आवंटन संबंधित सभी कार्य रुके हुए हैं, जिससे किसान बेवजह परेशानी झेल रहे हैं। किसान नेता अचलाराम जाट का कहना है कि सरकार ने वित्तीय कार्यों के लिए उपायुक्त उपनिवेशन नाचना को अतिरिक्त प्रभार दिया है, लेकिन प्रशासनिक कामकाज के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। इस कारण किसानों के कार्य लगातार लंबित हैं।