हिंदू धर्म और ज्योतिष के अनुसार इसमें नकारात्मक शक्तियों को शांत करने, सौभाग्य बढ़ाने, राहु केतु दोष निवारण और आर्थिक समस्या निवारण में मददगार होते हैं। आइये जानते हैं वर्षा जल के राहु केतु दोष निवारण उपाय क्या हैं ..
स्नान के पानी में मिलाकर नहाएं
वर्षा जल शुद्ध होता है। मान्यता है कि स्नान के पानी में इस पानी को मिलाकर नहाने से मानसिक शांति मिलती है। शरीर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इससे शनि, राहु, केतु दोष में राहत मिलती है।
घर के इन स्थानों पर करना चाहिए छिड़काव
वर्षा जल आकाश से मिलने से इसमें धरती की अशुद्धियां नहीं होतीं। इसलिए वर्षा जल को किसी शुद्ध पात्र में इकट्ठा कर घर के मेन गेट, पूजा स्थल और कोनों में छिड़काव करना चाहिए। मान्यता है कि इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। इससे घर में सुख शांति आती है। मान्यता है कि शनिवार और अमावस्या को इस उपाय की शक्ति बढ़ जाती है। ये भी पढ़ेंः राहु एक्टिव होने की पहचान है इंसान की यह बुरी आदत, जानें राहु केतु की सक्रियता के लक्षण खत्म होता है राहु-केतु दोष का अशुभ प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो यदि कुंडली में राहु केतु संबंधित दोष हैं तो वर्षा जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे राहु केतु के नकारात्मक दोषों से राहत मिलती है। साथ ही कालसर्प दोष में राहत मिलती है।
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आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं या धन अर्जित करने की इच्छा है तो श्री यंत्र या लक्ष्मी यंत्र को वर्षा जल से धोएं और इसे केसर या चंदन का तिलक करें। इसे माता लक्ष्मी का आशीर्वाद और धन मिलेगा।
बारिश के जल में दीपदान दिलाएगी सफलता
मान्यता है कि बारिश के समय या बारिश बंद होने के बाद दीप दान करें। इससे भक्त के जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और रूके काम पूरे होते हैं। मनोकामना पूरी होती है।