गंजबासौदा के जनपद पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री प्रहलाद पटेल ने नदियों और जलस्रोतों के संरक्षण में जन भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और मां सरस्वती के चित्र के समक्ष पूजन अर्चन करके जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया गया। इसके बाद मंत्री पटेल और अन्य जनप्रतिनिधियों ने मिलकर पाराशरी नदी में करीब 1 घंटे तक श्रमदान किया। यहां बेतवा को पाराशरी से जोड़ने के लिए सर्वे कराने की मांग भी की गई।
ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते नदियों, तालाबों व अन्य जलस्रोतों के सूखने पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि मैं प्रदेश में 32 नदियों के उद्गम स्थल पर गया हूं लेकिन मात्र 5 नदियों पर ही जल मिला। यानि 27 नदियों में उनके उद्गम स्थलों पर ही पानी नहीं है। मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि पहले हमने नदियों के दौ सौ मीटर तक निर्माण कार्य और तोड़फोड़ से रोक लगा रखी थी, लेकिन लालच के कारण अब दस फिट जमीन भी नहीं छोड़ रहे हैं।
पेड़ नहीं बना सकते तो पौधरोपण का कोई औचित्य नहीं
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि पहले नदियों के 200 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण या खुदाई नहीं की जाती थी और इसकी अपनी एक मर्यादा थी। लेकिन अब देखने में यह आ रहा है कि सारी मर्यादाएं ताक पर रखकर नदी के 10 मीटर तक के दायरे को खोद देते हैं। यह बहुत गलत है। उन्होंने कहा कि हम सब पौधरोपण तो करते हैं लेकिन यदि रोपे गए पौधों को पेड़ नहीं बना सके तो पौधरोपण करने का कोई औचित्य नहीं है।
बेतवा को पाराशरी से जोड़ने के लिए सर्वे की मांग
मंत्री प्रहलाद पटेल पारासरी नदी के उद्गम स्थल पहुंचे और यहां श्रमदान किया। क्षेत्रीय विधायक हरि सिंह रघुवंशी और नगर पालिका अध्यक्ष शशि यादव ने बेतवा नदी को पाराशरी नदी से जोड़ने के लिए सर्वे करने की मांग उनके समक्ष रखी। इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता संदीप डोंगर, कप्तान सिंह यादव, जनपद पंचायत अध्यक्ष नीतू रघुवंशी, महेंद्र दांगी आदि भी मौजूद थे। मंत्री पटेल ने इस मांग पर उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया।