3 सालों से बकाया है बिजली भुगतान
बांग्लादेश की द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश स्वतंत्र बिजली उत्पादक संघ यानी BIPPA के अध्यक्ष डेविड हसनत के साइन किए हुए पत्र में एसोसिएशन ने कहा है कि बांग्लादेश विद्युत विकास बोर्ड (PDB) विद्युत क्रय समझौतों (PPA) के तहत 45 दिनों के भीतर भुगतान करने के लिए बाध्य है। बांग्लादेश के बिजली बिल का भुगतान 5 महीने पहले से ही लेट चल रहा है और बकाया भुगतान तो 3 साल से भी ज्यादा समय से लंबित चल रहा है।भारत ने भी आपूर्ति ठप कर दी तो…
बिजली आपूर्ति के लिए बांग्लादेश ज्यादातर भारत पर ही निर्भर है। भारत के त्रिपुरा, झारखंड से बांग्लादेश को बिजली जाती है वहीं कुछ बिजली नेपाल से भी आती है। त्रिपुरा में सरकारी स्वामित्व वाली ONGC त्रिपुरा पावर कंपनी (OTPC) बिजली बनाती है, ये कंपनी बांग्लादेश में बिजली पहुंचाती है, वहीं झारखंड की अडानी पावर प्लांट से और गोड्डा प्लांट से बांग्लादेश को बिजली की सप्लाई होती है। इस तरह भारत हर साल बांग्लादेश को 2000 मेगावाट के आस-पास बिजली की आपूर्ति करता है। एक आंकड़े के मुताबिक साल 2022-23 में बांग्लादेश ने भारत से 2,656 मेगावाट बिजली खरीदी थी।पूरे बांग्लादेश के अंधेरे में डूबने का खतरा
शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने बांग्लादेश सरकार की कमान संभाली है, लेकिन हिंदुओं पर अत्याचार (Violence against Hindus in Bangladesh) और इस्कॉन संतों की गिरफ्तारी के अलावा इस पर बैन लगाने को लेकर चल रही बांग्लादेश की गतिविधियों को लेकर भारत से बांग्लादेश का तनाव बढ़ गया है। इधर अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कह दिया है। ऐसे में अगर भारत इस तनातनी का सबक सिखाने को बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति बंद कर देता है और बिजली बिल का बकाया मांग लेता है तो स्थिति ये पैदा हो सकती है कि पूरा बांग्लादेश अंधेरे में डूब जाएगा।बांग्लादेश पर भारत का भी बकाया
द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश पर सिर्फ अपने ही देश का बिजली बिल पॉवर प्लांट के अलावा भी भारत का लगभग 7200 करोड़ रुपए का बकाया है। इसके अलावा अडाणी पॉवर प्लांट का भी बकाया है। ये भी पढ़ें- ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनने से भारत और बांग्लादेश को क्या मिलेगा? चीन ने गिना दिए ये फायदे ये भी पढ़ें- बांग्लादेश ने सेना से युद्ध के लिए तैयार रहने को क्यों कहा? आखिर चाहते क्या हैं मोहम्मद यूनुस