आखिर कौन हैं चिन्मय देवरे ?
चिन्मय देवरे पहली बार 2004 में अपने परिवार के साथ H-4 आश्रित वीज़ा पर अमेरिका पहुंचे थे। सन 2008 में थोड़े समय के लिए अमेरिका से चले जाने के बाद, परिवार 2014 में वापस लौट आया। उन्होंने मिशिगन में हाई स्कूल पूरा किया और 2021 में वेन स्टेट यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया।
देवरे पर किसी अपराध का आरोप नहीं, कभी दोषी नहीं ठहराया
मुकदमे में कहा गया है कि देवरे पर अमेरिका में कभी भी किसी अपराध का आरोप नहीं लगाया गया या उसे दोषी नहीं ठहराया गया।” अलबत्ता एक तेज़ गति से गाड़ी चलाने के टिकट और पार्किंग जुर्माने केा जरूर हुआ था, लेकिन जिसका उसने तुरंत भुगतान किया था, इसके अलावा उसके खिलाफ कोई कानूनी या आव्रजन उल्लंघन नहीं है। उसने कैम्पस में किसी भी राजनीतिक विरोध प्रदर्शन में भी भाग नहीं लिया था
क्या था मामला, हुआ क्या था ?
वेन स्टेट यूनिवर्सिटी से 4 अप्रैल के दिन देवरे को एक ईमेल मिला, जिसमें कहा गया था: “हमारा रिकॉर्ड दिखाता है कि आज सुबह आपका SEVIS समाप्त कर दिया गया है- समाप्ति का कारण: अन्यथा स्थिति बनाए रखने में विफल होना – आपराधिक रिकॉर्ड जांच में पहचाने गए व्यक्ति और/या उनका वीज़ा रद्द कर दिया गया है। SEVIS रिकॉर्ड समाप्त कर दिया गया है।” इसके बाद कोई और विवरण या आधिकारिक कम्युनिकेशन नहीं किया गया।
मास्टर डिग्री लेना अब खटाई में
राज्य विभाग ने देवरे को वीज़ा रद्द के बारे में इत्तेला नहीं दी। इधर मास्टर डिग्री हासिल करने की उनकी योजना अब खटाई में है, और उन्हें अमेरिका में अपने परिवार से अलग होने की संभावना का सामना करना पड़ रहा है।
दीगर प्रभावित अन्य छात्र कौन हैं ?
चीन के जियांगयुन बु मिशिगन विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के मास्टर छात्र हैं। चीन के ही किउई यांग, उसी विश्वविद्यालय के पर्यावरण और स्थिरता स्कूल में 26 वर्षीय पीएचडी उम्मीदवार हैं और पहले कॉर्नेल विश्वविद्यालय में अध्ययन कर चुके हैं। नेपाल के योगेश जोशी वेन स्टेट यूनिवर्सिटी में 32 वर्षीय पीएचडी छात्र हैं, जो अपनी पत्नी और आठ महीने के अमेरिकी नागरिक बच्चे के साथ डेट्रायट में रहते हैं।
छात्रों की स्थिति बहाल करने की मांग
कोर्ट के केस के अनुसार मुकदमे में अदालत से इन छात्रों की स्थिति बहाल करने की मांग की गई है, ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और हिरासत और निर्वासन के जोखिम से बच सकें।