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अलविदा लेनिन? मरम्मत के लिए बंद होने से पहले सोवियत नेता का मकबरा देखने के लिए उमड़े लोग

Goodbye Lenin?: रूस में बड़ी संख्या में लोग सोवियत नेता व्लादिमीर लेनिन का मकबरा देखने के लिए पहुंच रहे हैं। क्या है इसकी वजह? आइए जानते हैं।

भारतJun 11, 2025 / 12:38 pm

Tanay Mishra

Tomb of Vladimir Lenin

Tomb of Vladimir Lenin (Photo – Washington Post)

सोवियत संघ, एक समय में दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश था। आज के समय में सोवियत संघ कई देशों में बंटा हुआ है, लेकिन एक समय था जब यह संयुक्त रूप से एक देश था और दुनियाभर में इसकी धाक थी। सोवियत संघ के दिनों में व्लादिमीर लेनिन देश के सबसे जाने-माने नेता थे। वह न सिर्फ सोवियत संघ के संस्थापक थे, बल्कि बोल्शेविक पार्टी के लीडर भी थे। उनका जन्म 22 अप्रैल 1870 को हुआ था और मृत्यु 21 जनवरी 1924 को। उनकी मृत्यु के बाद उनकी याद में मॉस्को में उनका मकबरा बनवाया गया। सोवियत संघ के दिनों में मॉस्को ही वहाँ की राजधानी थी, जो अब रूस की भी राजधानी है। लेनिन का मकबरा, रूस में अहम पर्यटन स्थल है और पिछले कुछ दिनों से बड़ी संख्या में लोग लेनिन का मकबरा देखने के लिए पहुंच रहे हैं।

क्यों लेनिन का मकबरा देखने के लिए उमड़ रहे लोग?

मॉस्को के रेड स्कवायर में लेनिन का मकबरा बना हुआ है। जल्द ही यह मरम्मत के लिए बंद होने वाला है। जून 2027 तक लेनिन के मकबरे को बंद रखा जाएगा। इस दौरान पर्यटकों के लिए यह स्थल पूरी तरह से बंद रखा जाएगा। इसी वजह से इसके बंद होने से पहले लोग भारी संख्या में लेनिन के संरक्षित पार्थिव शरीर की अंतिम झलक पाने के लिए उमड़ रहे हैं।

बुलेट प्रूफ ग्लास में रखा गया है लेनिन के संरक्षित शरीर को

लेनिन के मकबरे में एक कॉफिन में उनके मोम से संरक्षित शरीर को तीन-पीस सूट में रखा गया है। इसकी सुरक्षा के लिए इसे बुलेट-प्रूफ ग्लास में रखा गया है, जिससे कोई भी इसे नुकसान नहीं पहुंचा सके।

किर्गिज़स्तान में सबसे बड़े लेनिन स्टेच्यू को हटाया गया

किर्गिज़स्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर ओश में लेनिन का एक बड़ा स्टेच्यू था, जिसे सेंट्रल एशिया में लेनिन का सबसे बड़ा स्टेच्यू माना जाता है। यह करीब 23 मीटर ऊंचा था, जिसे 1975 में बनाया गया था, जब किर्गिज़स्तान सोवियत संघ का हिस्सा था। अब अधिकारियों ने इसे हटा दिया है। इस स्टेच्यू को बिना किसी सार्वजनिक धूमधाम के हटा दिया गया और ओश में अधिकारियों ने इसे नियमित शहर नियोजन के रूप में हटाने की बात कही।

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