हमले का घटनाक्रम
यह हमला गाजा के दक्षिणी इलाके में हुआ, जहां इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने खुफिया जानकारी के आधार पर एक ठिकाने को निशाना बनाया। सूत्रों के मुताबिक, इस्साम दिब अब्दुल्ला अल-दालीस उस समय एक गुप्त बैठक में शामिल था, जिसमें हमास के अन्य कमांडर भी मौजूद थे। इजरायली सेना ने ड्रोन और हवाई हमले के जरिए इस ठिकाने को तबाह कर दिया। हमले में अल-दालीस के साथ कई अन्य हमास लड़ाकों के भी मारे जाने की खबर है, हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हमले के बाद इलाके में धुआं और मलबा ही बचा था, जो इस ऑपरेशन की तीव्रता को दर्शाता है।कौन था इस्साम दिब अब्दुल्ला अल-दालीस?
इस्साम दिब अब्दुल्ला अल-दालीस हमास के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक था। वह संगठन के राजनीतिक विंग का प्रमुख चेहरा था और गाजा में हमास की सरकार के संचालन में अहम भूमिका निभाता था। उसे हमास का “प्रधानमंत्री” कहा जाता था, हालांकि यह पद औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं था। अल-दालीस को हमास के सैन्य और नागरिक दोनों मोर्चों पर रणनीति बनाने में माहिर माना जाता था। उसने पिछले कुछ सालों में संगठन को मजबूत करने और इजरायल के खिलाफ हमलों को संगठित करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उसकी मौत को हमास के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर तब जब संगठन पहले ही अपने कई शीर्ष नेताओं को खो चुका है।नेतन्याहू का सख्त बयान
हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस ऑपरेशन की सफलता की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “हमास के हर नेता को यह समझ लेना चाहिए कि उसका अंत नजदीक है। इस्साम दिब अब्दुल्ला अल-दालीस की मौत इस बात का सबूत है कि हम अपने दुश्मनों को कहीं भी छोड़ेंगे नहीं। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक हमास का नामोनिशान मिट नहीं जाता।” नेतन्याहू के इस बयान से साफ है कि इजरायल हमास को पूरी तरह खत्म करने की रणनीति पर अड़ा हुआ है, भले ही इसके लिए कितने ही ऑपरेशन करने पड़ें। यह भी पढ़ें