क्या है ताज़ा विवाद की वजह ?
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान पर आतंकियों को समर्थन देने का आरोप लगाया। इसके जवाब में भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित किया,राजनयिक मिशनों में कटौती की, और अटारी-वाघा सीमा व्यापार को रोक दिया। पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को खारिज करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की और भारत के साथ सभी व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की।भारत-पाकिस्तान व्यापार: आधिकारिक और अनौपचारिक तस्वीर
आधिकारिक व्यापार (2024-25):भारत से पाकिस्तान को निर्यात: 447.7 मिलियन डॉलर पाकिस्तान से भारत को निर्यात: 4.2 लाख डॉलर
अनौपचारिक व्यापार (GTRI रिपोर्ट के अनुसार)
भारत से पाकिस्तान को वस्त्र, दवाइयाँ, प्लास्टिक, पेट्रोलियम आदि सामान तीसरे देशों (जैसे UAE, सिंगापुर, अफगानिस्तान) के ज़रिए भेजा जाता है।क्या हुआ अतीत में ?
सन 2019 पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को “मोस्ट फेवर्ड नेशन” (MFN) का दर्जा वापस ले लिया। इसके बाद द्विपक्षीय व्यापार में भारी गिरावट आई।व्यापार प्रतिबंधों का किस पर असर ?
पाकिस्तान का फार्मा सेक्टर:भारत से दवाओं का बड़ा हिस्सा आता था। अब इनकी भारी कमी हो सकती है।
अटारी-वाघा सीमा बंद होने का असर:
व्यापारिक लागत बढ़ेगी।
अफगानिस्तान के रास्ते आने वाला व्यापार भी प्रभावित होगा। सीमा क्षेत्र की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी झटका लग सकता है। व्यापार के छिपे हुए रास्ते
व्यापारी भारत से सामान को दुबई, सिंगापुर या अफगानिस्तान के माध्यम से पाकिस्तान भेजते हैं। वहां सामान पर फिर से लेबल लगाया जाता है और ऊँची कीमतों पर बेचा जाता है। इससे सरकारों को राजस्व नहीं मिलता, लेकिन व्यापारियों और बिचौलियों को भारी मुनाफ़ा होता है।अब आगे क्या होगा ?
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते भले ही कितने तनावपूर्ण हों, व्यापारिक ज़रूरतें अपने रास्ते तलाश ही लेती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक राजनीतिक संबंध स्थिर नहीं होते, तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार केवल “आधिकारिक प्रतिबंधों” के बावजूद “बैकडोर” से ही चलता रहेगा। हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच आधिकारिक तौर पर व्यापार लगभग बंद है, लेकिन हर साल करीब 10 अरब डॉलर का अनौपचारिक व्यापार दोनों देशों के बीच जारी है। यह व्यापार सीधा नहीं, बल्कि तीसरे देशों के जरिए घुमावदार रास्तों से होता है।दुबई,श्रीलंका और सिंगापुर से होता है बिजनेस
भारत स्थित थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने बताया है कि यह व्यापार मुख्य रूप से दुबई (यूएई), कोलंबो (श्रीलंका) और सिंगापुर जैसे बड़े व्यापारिक बंदरगाहों के माध्यम से होता है।अनौपचारिक व्यापार की प्रक्रिया कैसे चलती है ?
GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने इस प्रक्रिया को विस्तार से समझाया है । भारत से माल भेजा जाता है – जैसे फार्मा उत्पाद, मसाले, रसायन, कपड़े आदि। यह माल सीधे पाकिस्तान नहीं भेजा जाता, बल्कि यूएई (दुबई), सिंगापुर या कोलंबो जैसे ट्रांजिट हब में जाता है। वहां माल को “बॉन्डेड वेयरहाउस” में जमा किया जाता है। यह ऐसे गोदाम होते हैं जहां माल पर कोई सीमा शुल्क नहीं लगता। माल स्टोर रहते हुए, उसके दस्तावेज़ और लेबल बदले जाते हैं। अब वही माल भारत के बजाय किसी तीसरे देश (जैसे यूएई) के नाम पर “मूल देश” बनाकर पाकिस्तान को भेजा जाता है। पाकिस्तान में माल को तीसरे देश से आए उत्पाद के रूप में स्वीकार कर लिया जाता है, हालांकि वह असल में भारत से होता है।क्या यह कारोबार अवैध है?
श्रीवास्तव मानते हैं कि यह व्यापार पूरी तरह अवैध नहीं होता, लेकिन यह एक तरह का “ग्रे ज़ोन” (संदिग्ध क्षेत्र) है:इसमें कोई सीधा झूठ नहीं बोला जाता, लेकिन जानबूझकर भ्रम पैदा किया जाता है। यह व्यापार अक्सर औपचारिक प्रतिबंधों को दरकिनार करने का तरीका बन जाता है। तीसरे देशों के माध्यम से होने के कारण, इसमें “री-एक्सपोर्ट मार्जिन” (दुबारा निर्यात पर अतिरिक्त कीमत) जुड़ती है, फिर भी व्यापारी मुनाफे में रहते हैं।