होर्मुज स्ट्रेट को लेकर होने लगी चर्चा (Photo-Patrika)
Hormuz Strait: इजरायल और ईरान के बीच जारी झड़प ने होर्मुज स्ट्रेट और रेड सी को फिर से चर्चा में ला दिया है। खासतौर पर होर्मुज स्ट्रेट को लेकर दुनियाभर में चिंता है, क्योंकि यहां से दुनिया का करीब 20 प्रतिशत कच्चा तेल सप्लाई होता है। यहां से हर रोज 2.1 करोड़ बैरल से ज्यादा कच्चा तेल सप्लाई होता है। अगर ईरान ने इस नस को दबा दिया तो दुनियाभर में पेट्रोल-डीजल के लिए हाहाकार मच सकता है।
होर्मुज स्ट्रेट का सबसे संकरा हिस्सा 33 किमी चौड़ा है। इसके उत्तरी हिस्से को ईरान कंट्रोल करता है। वहीं, दक्षिणी हिस्से को ओमान और यूएई कंट्रोल करते हैं। इस इलाके में ईरानी सेना की भारी मौजूदगी रहती है।
कहां है होर्मुज स्ट्रेट?
यह फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी को आपस में जोड़ने वाला जलमार्ग है। इसके उत्तर में ईरान और दक्षिण में ओमान मौजूद है। यह जलसंधि 167 किमी लंबी और 33 से 60 किमी चौड़ी है।
क्या ईरान इसे बंद कर सकता है?
अभी तक ईरान ने इस तरह का कोई इरादा जाहिर नहीं किया गया है। हालांकि, अतीत में कई बार ईरान ने पश्चिमी देशों को होर्मुज स्ट्रेट बंद करने की धमकी दी थी।
क्या होगा दुनिया पर असर?
अगर ईरान होर्मुज स्ट्रेट को ब्लॉक कर देता है, तो एशियाई देशों में कच्चे तेल का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। भारत भी इससे प्रभावित होगा। अमेरिका के सहयोगी देश दक्षिण कोरिया और जापान के लिए खासा संकट आ सकता है।
ये देश करते है इस्तेमाल
सऊदी अरब, ईरान, यूएई, कुवैत, कतर और इराक होर्मुज की खाड़ी का इस्तेमाल तेल सप्लाई और आयात के लिए करते हैं। यहां से तेल की ज्यादातर सप्लाई चीन, भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे एशियाई देशों को की जाती है। दुनिया का सबसे बड़ा एलएनजी एक्सपोर्टर कतर इस स्ट्रेट का इस्तेमाल गैस निर्यात के लिए करता है।
अमेरिकी नौसेना का फिफ्थ फ्लीट इस एरिया में अपने और सहयोगी देशों के कमर्शियल शिप्स को प्रोटेक्ट करता है। बहरीन में मौजूद अमरीका का पांचवां बेड़ा (फ्लीट) होर्मुज स्ट्रेट से महज 600 किमी दूर है। यानी अमरीका यहां ईरान की तरफ से किसी रुकावट के खिलाफ तुरंत एक्शन ले सकता है।
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