मध्यस्थों के जरिये मेरी पत्नी से मिलने की कोशिश की : इमरान
इमरान खान ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए मुनीर को ISI के DG पद से हटाया, तब जनरल मुनीर ने मध्यस्थों के जरिये बुशरा बीबी से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन बुशरा बीबी ने स्पष्ट मना करते हुए कहा कि वे इस तरह के मामलों से संबंधित नहीं हैं।
“14 महीने की अन्यायपूर्ण कैद, अमानवीय व्यवहार का कारण प्रतिशोध”
इमरान का दावा है कि बुशरा बीबी को पिछले 14 महीनों से केवल निजी दुश्मनी की वजह से जेल में अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से एक घरेलू महिला को निशाना बनाया गया, वैसा पाकिस्तान के इतिहास में किसी तानाशाही दौर में भी नहीं हुआ।
“बुशरा पर झूठे आरोप, साक्ष्य नहीं” – मुलाकात से भी रोका गया
पूर्व पीएम ने लिखा कि बुशरा बीबी पर “उकसाने और सहायता करने” जैसे झूठे आरोप लगाए गए, जिनका कोई कानूनी आधार नहीं था। खान ने बताया कि उन्हें पिछले चार सप्ताह से अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि जेल नियमों के तहत उन्हें 1 जून को उनसे मिलना था।
9 मई की घटनाएं लंदन प्लान का हिस्सा थीं : इमरान
खान ने 9 मई 2023 को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों को एक “पूर्व नियोजित साजिश” बताया, जिसे उन्होंने ‘लंदन प्लान’ का हिस्सा कहा। उनका आरोप है कि इसका उद्देश्य सिर्फ एक था – पीटीआई PTI को खत्म करना और शरीफ-जरदारी गठजोड़ को सत्ता में लाना।
“हमारे लोकतांत्रिक अधिकार छीने गए”
इमरान ने कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गैर कानूनी रूप से जेल में डाला गया, उनका जनादेश चुराया गया और भ्रष्ट शासकों को थोप दिया गया। उन्होंने पाकिस्तान में मौजूदा हालात को “फासीवादी शासन” कहा।
न्यायपालिका आज सबसे शर्मनाक स्थिति में है : इमरान
खान ने पाकिस्तान की न्यायपालिका पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा भी अब उन्हीं गलतियों को दोहरा रहे हैं जो गलतियां अतीत में जस्टिस मुनीर ने की थीं। खान का आरोप है कि पूरी न्यायिक प्रणाली न्याय की रक्षा के बजाय अपनी नौकरी और विशेषाधिकार बचाने में लगी हुई है।
“सीसीटीवी फुटेज नहीं दिया गया, न्याय नहीं मिला”
खान ने कहा कि 9 मई की घटनाओं से जुड़े सीसीटीवी फुटेज बार-बार मांगने पर भी कोर्ट ने नहीं दिए, और न ही किसी जज ने उसकी समीक्षा की। उन्होंने इस पर गंभीर आपत्ति जताते हुए न्यायिक आयोग गठित करने की मांग की।
“26 नवंबर नरसंहार की भी जांच होनी चाहिए”
खान ने 26 नवंबर, 2024 को इस्लामाबाद में हुई कथित पुलिस हिंसा को “लोकतंत्र समर्थक निहत्थे प्रदर्शनकारियों का नरसंहार” बताते हुए स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है।
रिएक्शन : मुनीर पर इमरान खान के सीधे हमले से पाकिस्तान में भूचाल
राजनीतिक गलियारों में हलचल: इमरान खान के इस बयान ने पाकिस्तान की राजनीति में नई उथल-पुथल ला दी है। विपक्षी दलों ने इसे “नाटकीय स्टंट” बताया, वहीं PTI समर्थकों ने इसे “हिम्मत की आवाज” करार दिया।
सिविल-मिलिट्री तनाव और गहराया
विशेषज्ञों का मानना है कि इमरान का यह आरोप सीधे-सीधे फौज की साख पर हमला है, जो आने वाले दिनों में पाकिस्तान की आंतरिक स्थिरता को और कमजोर कर सकता है।
इमरान खान के बयान से अंतरराष्ट्रीय चिंता
पाकिस्तान की जेलों में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर पहले ही कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं निगाह रख रही हैं। अब इमरान का यह आरोप वैश्विक ध्यान को और आकर्षित कर सकता है।
फॉलोअप : आगे क्या हो सकता है ?
बुशरा बीबी केस पर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया आ सकती है, खासकर यूएनएचआरसी (UNHRC) और एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) की निगरानी बढ़ सकती है। सीसीटीवी फुटेज जारी करने को लेकर जन दबाव बढ़ेगा
पाकिस्तान में न्यायपालिका पर विशेष रूप से सीसीटीवी फुटेज जारी करने को लेकर जन दबाव बढ़ेगा। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है।
जेल में बंद नेताओं की रिहाई और निष्पक्ष जांच की मांग प्रमुख मुद्दा
पीटीआई नए आंदोलन की तैयारी कर सकती है, जिसमें जेल में बंद नेताओं की रिहाई और निष्पक्ष जांच की मांग प्रमुख मुद्दा होगा।
साइड एंगल : कहानी का अनदेखा पहलू
सेना में आंतरिक विभाजन? कुछ विश्लेषकों का मानना है कि असीम मुनीर के खिलाफ ये बयान सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सैन्य अधिकारियों के भीतर चल रहे मतभेदों का भी संकेत है।
बुशरा बीबी की राजनीतिक प्रोफाइल अचानक चर्चा में
अब तक पूरी तरह निजी जीवन में रहने वाली बुशरा बीबी की स्थिति पाकिस्तान की राजनीति में एक प्रतीकात्मक मुद्दा बनती जा रही है। पाकिस्तान की जेल प्रणाली और जेल प्रशासन पर सवाल
इमरान ने जो आरोप लगाए हैं – जैसे मुलाकात न होने देना, जेल में अमानवीय व्यवहार – वे पाकिस्तान की जेल प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
पीटीआई कार्यकर्ताओं को मिली सजा, इमरान अब भी अदियाला जेल में
बीते सप्ताह, एक पाकिस्तानी अदालत ने पीटीआई के 11 समर्थकों को सजा सुनाई, जिनमें एक सांसद भी शामिल था। ये सभी 9 मई को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सैन्य ठिकानों पर हमले में लिप्त बताए गए। उल्लेखनीय है कि इमरान खान 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और कई मामलों का सामना कर रहे हैं।