ऑपरेशन सिंदूर: अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक मिशन का विस्तार
प्रतिनिधिमंडल की संरचना और यात्रा: एक नजर प्रतिनिधिमंडल: बहुपक्षीय मिशन शामिल सांसदों की संख्या: लगभग 35 सांसद मुख्य नेता: बाजपेयी पांडा (भा.ज.पा.), शशि थरूर (कांग्रेस), संजयकुमार झा (जद(यू))। यात्रा वाले देश: दक्षिण कोरिया, जापान, जर्मनी, फ्रांस, कुवैत, सऊदी अरब, बहरीन व अल्जीरिया।
वर्तमान यात्रा: कुवैत, सऊदी अरब व अल्जीरिया में प्रतिनिधिमंडल सक्रिय।
दक्षिण कोरिया : आतंकवाद के खिलाफ स्वतंत्र देशों को एकजुट होने की जरूरत
दक्षिण कोरिया में भारतीय राजदूत अमित कुमार ने कहा कि वहां यह समझ बढ़ रही है कि आतंकवाद के खिलाफ स्वतंत्र देशों को एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की सियोल यात्रा के बाद यह बात कही।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन: भारत के पक्ष में वैश्विक प्रतिक्रिया समर्थन देने वाले देश
अमेरिका: आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई को उचित ठहराया। यूनाइटेड किंगडम: भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की। इज़राइल: भारत के आत्मरक्षा अधिकार का समर्थन किया। पनामा: भारत के साथ खड़ा होने की घोषणा की। नीदरलैंड्स: कश्मीर को 100% भारतीय बताते हुए समर्थन व्यक्त किया। नोट: चीन ने पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया, लेकिन दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।
प्रतिनिधिमंडल की गतिविधियां और बयान
असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM): दलगत मतभेद नजरअंदाज करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया। शशि थरूर (कांग्रेस): भारत की शून्य सहिष्णुता नीति वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत की। संजय कुमार झा (जद यू ): विदेश मंत्री से मुलाकात कर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर चर्चा की।
प्रमुख नेताओं के बयान:
- संजय कुमार झा (जेडीयू सांसद): उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य पाकिस्तान के असली चेहरे को दुनिया के सामने लाना है।”
- अपराजिता सारंगी (भा.ज.पा. सांसद): उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत के सभी राजनीतिक दल आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हों, ताकि वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की गलत सूचनाओं का मुकाबला किया जा सके।” The Times of India
- अभिषेक बनर्जी (तृणमूल सांसद): उन्होंने कहा, “यह प्रतिनिधिमंडल भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता नीति को वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।”
- डॉ. हेमांग जोशी (वडोदरा सांसद): उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना है, ताकि आतंकवाद के खिलाफ हमारी दृढ़ता को समझा जा सके।”
विश्लेषकों और राजनयिकों ने कामयाब बताया
राजनीतिक विश्लेषकों और राजनयिकों ने भारतीय संसद के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के इस कूटनीतिक अभियान को अभूतपूर्व बताया है। वरिष्ठ सामरिक विश्लेषक ब्रह्मा चेलानी के अनुसार, “यह पहली बार है जब भारत ने संसद के स्तर पर आतंकवाद के मुद्दे पर एकजुट वैश्विक समर्थन की तलाश की है। यह सिर्फ सैन्य प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से गढ़ी गई कूटनीति है।” वहीं, विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि “भारत की ज़ीरो टॉलरेंस नीति अब सिर्फ बयान नहीं, बल्कि सामूहिक अंतरराष्ट्रीय सहमति बन रही है।”
फॉलोअप : आगे की कार्रवाई की रूपरेखा
अब भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में राय प्रस्तुति करने तैयारी है। इन प्रतिनिधिमंडलों की रिपोर्ट के आधार पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत एक व्यापक डोजियर प्रस्तुत करने की योजना बना रहा है।
संसद में विस्तृत रिपोर्टिंग का प्लान
सभी दलों के सांसद एक संयुक्त रिपोर्ट संसद को सौंपेंगे, जिसमें विदेशों से मिले समर्थन और सुझावों का विवरण होगा।G20 और SCO समिट में फॉलोअप मीटिंग्स — इन मंचों पर भारत फिर से आतंकवाद पर अपना प्रस्ताव रखेगा।
साइड एंगल : गहरी नजर या नजरअंदाज पहलू
पाकिस्तान की चुप्पी: इन दौरों के बीच पाकिस्तान की ओर से कोई ठोस कूटनीतिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसके बजाय वहां के मीडिया में “भारत के प्रोपेगंडा” की बात हो रही है, जो दर्शाता है कि भारत के कदम ने रणनीतिक दबाव बना दिया है।
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया
बहरहाल ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी शून्य सहिष्णुता नीति को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। विभिन्न देशों से प्राप्त समर्थन दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति समझता है और उसका समर्थन करता है। एक्सक्लूसिव इनपुट क्रेडिट: ANI इंटरव्यू – भारतीय राजदूत अमित कुमार (सियोल) ,MEA सूत्रों की ओर से शेयर की गई रिपोर्ट (मीडिया ब्रीफिंग 24-25 मई)।
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