शिकागो में भीड़ ने डाउनटाउन लूप में मार्च किया
लॉस एंजिल्स में प्रदर्शनकारियों ने यातायात रोक दिया है। शिकागो में भीड़ ने डाउनटाउन लूप में मार्च किया, जिसके चलते कुछ समय के लिए यातायात बाधित हो गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के ऊपर पुलिस के हेलीकॉप्टर मंडराते रहे। शिकागो ट्रिब्यून ने तत्काल किसी गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी है।
अटलांटा में 1,000 प्रदर्शनकारियों की भीड़ बुफोर्ड हाईवे पर जमा हो गई
न्यूयॉर्क में भी कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिले हैं। यहां फेडरल इमिग्रेशन बिल्डिंग के पास लोअर मैनहट्टन से प्रदर्शनकारियों का ग्रुप मार्च कर रहा था। वहीं, अटलांटा में करीब 1,000 प्रदर्शनकारियों की भीड़ बुफोर्ड हाईवे पर जमा हो गई। कई सौ प्रदर्शनकारियों ने डोराविले में मार्च किया, जिससे उनकी स्थानीय पुलिस के साथ तुरंत टकराव की स्थिति बन गई।
प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प
इसके अलावा सैन फ्रांसिस्को, सिएटल, ह्यूस्टन, डलास, सैन एंटोनियो और वाशिंगटन, डीसी में विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी देखने को मिली। ऑस्टिन में स्थानीय पुलिस डिपार्टमेंट ने ड्राइवरों को चेतावनी जारी की है कि वह लॉस एंजिल्स के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में रैली कर रहे पैदल यात्रियों के बड़े समूहों पर नजर रखें।
अब तक 378 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका
जानकारी के अनुसार अब तक 378 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने मंगलवार की रात “अवैध सभा” के तहत दर्जनों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। यह विरोध अब एलए से निकलकर देश के कई अन्य शहरों तक फैल गया है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं।
गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज
एलएपीडी ने मंगलवार देर रात “सामूहिक गिरफ्तारी” की पुष्टि की है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी के बावजूद इलाका खाली नहीं किया, जिसके चलते उन्हें हिरासत में लिया गया। अब तक कुल 378 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
टेक्सास में भी अलर्ट, नेशनल गार्ड तैनात (National Guard deployment LA)
टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने इस सप्ताह होने वाले विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए टेक्सास नेशनल गार्ड की तैनाती के आदेश दिए हैं। सैन एंटोनियो में शनिवार को प्रस्तावित “नो किंग्स” प्रदर्शन को देखते हुए राज्यभर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
प्रदर्शन देश भर में फैले
विरोध केवल एलए तक सीमित नहीं है। न्यूयॉर्क, शिकागो, सिएटल, डेनवर, सैन फ्रांसिस्को और अटलांटा जैसे शहरों में भी इसी तरह के प्रदर्शनों की खबरें हैं। ये विरोध मुख्य रूप से ICE की कार्रवाइयों और ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नीतियों के खिलाफ हैं।
न्यायिक हस्तक्षेप को झटका
कैलिफोर्निया की ओर से नेशनल गार्ड और मरीन की तैनाती पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका को संघीय न्यायाधीश चार्ल्स आर. ब्रेयर ने खारिज कर दिया है। अब गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई की जाएगी।
ट्रंप बनाम न्यूसम: बयानबाज़ी तेज
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया है। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने सोमवार को न्यूसम से बात की थी, लेकिन गवर्नर ने इसे नकारते हुए कहा कि दोनों की आखिरी बातचीत शुक्रवार को हुई थी। न्यूसम ने ट्रंप पर “लोकतंत्र पर हमला” करने का आरोप लगाया है।
रिएक्शन : शहर में शांति बहाल करना सर्वोच्च प्राथमिकता
मेयर करेन बास ने कहा, “शहर में शांति बहाल करना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है। लेकिन यह भी उतना ही ज़रूरी है कि लोगों की आवाज़ सुनी जाए, बशर्ते वह शांतिपूर्ण हो।” LAPD प्रमुख माइकल मूर ने कहा कि पुलिस संयम बरत रही है, लेकिन यदि कानून व्यवस्था को चुनौती दी गई तो सख़्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, स्थानीय व्यवसायी समुदाय ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है। एक दुकान मालिक ने कहा, “हम महामारी से उबर भी नहीं पाए थे कि अब ये हिंसा हमारी रोज़ी-रोटी को निगल रही है।”
फॉलोअप: अब आगे क्या होगा
गुरुवार को संघीय न्यायालय में सुनवाई होनी है, जिसमें मरीन और नेशनल गार्ड की तैनाती पर आपत्ति दर्ज की गई है। शनिवार को सैन एंटोनियो में “नो किंग्स” रैली प्रस्तावित है, जिससे पहले टेक्सास में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं। ICE की ओर से संभावित छापों को लेकर आशंका बरकरार है, जिससे अल्पसंख्यक समुदायों में डर का माहौल है। मेयर बास की अगुवाई में गुरुवार शाम एक टाउनहॉल बैठक भी प्रस्तावित है, जिसमें समुदाय के नेता हिस्सा लेंगे।
साइड एंगल : वैकल्पिक दृष्टिकोण / मानवीय पहलू
जहां एक ओर सुरक्षा बलों की तैनाती और कर्फ्यू खबरों की सुर्खियों में है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्वयंसेवी संगठन प्रदर्शन स्थलों पर जलपान, प्राथमिक उपचार और कानूनी सहायता पहुंचा रहे हैं। एक गैर-सरकारी संस्था के सदस्य ने बताया, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अगर कोई घायल हो या गिरफ़्तार हो जाए, तो उसे जरूरी सहायता मिले।”इसके अलावा, कुछ स्थानीय कलाकारों ने दीवारों पर शांति और सामाजिक न्याय के संदेश वाले भित्तिचित्र बनाए हैं, जो विरोध की रचनात्मक अभिव्यक्ति बन गए हैं।
ICE छापों को लेकर अनिश्चितता
पिछले शुक्रवार को ICE की ओर से की गई छापेमारी के बाद विरोध तेज हो गया था। मेयर बास ने मंगलवार को बताया कि उन्हें फिलहाल किसी नई छापेमारी की जानकारी नहीं है। हालांकि स्थानीय अधिकारी यह मान रहे हैं कि उन्हें योजनाबद्ध तौर पर अंधेरे में रखा जा रहा है।