रूस भारत को 2026 तक बाकी के S-400 की बकाया एयर डिफेंस सिस्टम यूनिट देगा। (फोटो: ANI)
India S-400 Missile System Delivery 2026: रूस और यूक्रेन की जंग के बावजूद रूस ने पुष्टि की है कि भारत को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम (S-400 missile system) की बची हुई दो यूनिट 2026 तक मिल जाएंगी। यह डील भारत की सुरक्षा क्षमता को मजबूत करने और रूस के साथ रक्षा सहयोग (India Russia defense deal) को गहरा करने की दिशा में एक अहम कदम है। रूसी मिशन प्रमुख रोमन बाबुश्किन (Roman Babushkin S-400 statement) ने इस बात की पुष्टि की है। अब तक भारत को तीन स्क्वाड्रन मिल चुके हैं, और बाकी दो की डिलीवरी तय समय (S-400 delivery timeline) पर होगी। रूस ने हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव में S-400 की भूमिका को “प्रभावी” बताया और एंटी-ड्रोन सिस्टम समेत रक्षा सहयोग को और विस्तार देने की इच्छा भी जताई है।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार S-400 ट्रायम्फ रूस की ओर से विकसित एक उन्नत वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे Almaz-Antey कंपनी ने तैयार किया है। यह दुनिया की सबसे आधुनिक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (Surface-to-Air Missile – SAM) मानी जाती है।
S-400 की मुख्य विशेषताएँ और मारक क्षमता
एक साथ 80 लक्ष्यों को ट्रैक और 36 लक्ष्यों को इंटरसेप्ट करने की क्षमता। अधिकतम रेंज: 400 किमी। ऊँचाई सीमा: 30 मीटर से लेकर 30 किलोमीटर तक।
इसमें चार तरह की मिसाइलें होती हैं – 40N6, 48N6, 9M96E2, और 9M96E यह प्रणाली लड़ाकू विमान, क्रूज़ मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन को भी निशाना बना सकती है।
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में S-400 का कब और कहां इस्तेमाल किया था ?
डिफेंस एक्सपर्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2024 में सैन्य तनाव के दौरान भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” नाम से एक रक्षात्मक मिशन चलाया था। इस ऑपरेशन में, भारतीय वायु क्षेत्र की सुरक्षा के लिए पंजाब और राजस्थान बॉर्डर पर तैनात S-400 स्क्वाड्रन को सक्रिय किया गया था। हालांकि आधिकारिक पुष्टि सीमित रही, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, S-400 ने पाकिस्तानी ड्रोन और संदिग्ध हवाई घुसपैठ रोकने में “निर्णायक भूमिका” निभाई थी।
भारत के पास कुल कितने S-400 सिस्टम हैं ?
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक भारत ने रूस के साथ 2018 में 5 S-400 स्क्वाड्रन की खरीद के लिए लगभग लगभग 44,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। भारत को अब तक 3 स्क्वाड्रन मिल चुकी हैं और बाकी 2 स्क्वाड्रन 2026 तक डिलीवर किए जाएंगे, जिसकी रूस के मिशन प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने पुष्टि की है।
रिएक्शन: भारत की सुरक्षा में मजबूती
रूस से S-400 की डिलीवरी समय पर होने से भारत की वायु रक्षा क्षमता में और मजबूती आएगी। यह कदम भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग को और प्रगाढ़ करेगा।
फालोअप: डिलीवरी में देरी के कारण
S-400 की डिलीवरी में देरी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण हुई थी। हालांकि, अब स्थिति सामान्य होने पर डिलीवरी तय समय पर होगी।
साइड एंगल: S-400 की विशेषताएँ
बहरहाल S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की रेंज 400 किलोमीटर तक है और यह विभिन्न प्रकार के मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है। यह सिस्टम भारत की वायु रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रूस के मिशन प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने इस डिलीवरी की पुष्टि की है, जो भारत और रूस के बीच रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ करता है।