S Jaishankar Meeting with Bangladesh Foreign Minister in Oman
S Jaishankar Bangladesh meeting: शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद और बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव पैदा हो गया है। इन तनावपूर्ण संबंधों को सुलझाने के लिए बीते रविवार रात को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar meet with Touhid Hossain) ने बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन से ओमान के मस्कट में 8वें हिंद महासागर सम्मेलन के दौरान एक द्विपक्षीय मुलाकात की और सीमा विवाद समेत कई मुद्दों पर चर्चा की है। दोनों देशों ने अपने तनावपूर्ण संबंधों को सुलझाने की प्रतिबद्धता जताई और इसके सामने आ रहीं चुनौतियों का मिलकर सामना करने की बात कही। बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार ने दोनों देशों के बीच हुई इस बैठक को चुनौतियों से निपटने के लिए एक पहल बताया।
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश और भारत के विदेश मंत्रियों के बीच हिंद महासागर, भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद (India Bangladesh Border Dispute), गंगाजल संधि जैसे मुद्दों पर बात हुई। यहां हम आपको ये बता रहे हैं आखिर ये विवाद क्या हैं, जो दोनों देशों के बीच तनाव का एक और कारण बन रहे हैं।
भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद
भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा संधि को इस मुल्क की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने विवाद बना दिया है। दरअसल मोहम्मद यूनुस सरकार का कहना है कि शेख हसीना की सरकार के दौरान भारत को सीमा समझौते में संसोधन कर अतिरिक्त अधिकार दे दिए गए हैं, जो कि गलत है। अंतरिम सरकार का कहना है कि बांग्लादेश सीमा पर 5 जगहों पर भारत जो कंटीली बाड़ लगा रहा है वो अनधिकृत है और कुछ एनक्लेव पर भारत की चौकियां बनाना भी गलत है।
पिछले दिनों बांग्लादेश के गृह मंत्री जहांगीर आलम चौधरी ने कहा था कि भारत और बांग्लादेश के बीच बॉर्डर लैंड पर 4 समझौते हुए हैं, जिनका भारत ने उल्लंघन किया है। इसी बात पर वर्तमान में भारत और बांग्लादेश सीमा पर तनाव छाया हुआ है। BSF ने सीमा पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी है और दहाग्राम और अंगारपोर्टा पर बांग्लादेश के अवैध अतिक्रमण का काम रुकवा दिया है।
गंगा जल संधि क्या है?
दरअसल गंगा नदी के पानी के बंटवारे को लेकर 1996 में भारत और बांग्लादेश के बीच गंगाजल संधि हुई थी। ये संधि 30 साल के लिए हुई थी। इस संधि के तहत भारत और बांग्लादेश ने फरक्का बैराज में गंगा नदी के पानी को साझा करने पर सहमति जताई थी। ये बैराज 1975 में निर्मित हुआ था। इस संधि के तहत भारत बैराज में भारत कितना पानी छोड़ेगा इसकी मात्रा तय की गई थी।
लेकिन अब बैराज में पानी की कमी आ रही है जिससे बांग्लादेश को पानी की कमी हो रही है। बांग्लादेश ने इसका आरोप भारत पर लगाया है कि भारत जानबूझकर बैराज में कम पानी छोड़ रहा है। इस विवाद की वजह से बांग्लादेश में भूजल का क्षरण, मछली पालन में गिरावट, प्रदूषित पानी जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं।
पाकिस्तान और हिंदुओं पर भी बात
बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीब ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के सवाल पर कहा कि उनकी सरकार हिंदुओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। जैसे मुस्लिम या दूसरे धर्म के लोग बांग्लादेश के नागरिक हैं, वैसे ही हिंदू भी बांग्लादेश के नागरिक हैं, उनकी रक्षा करना बांग्लादेश के सुरक्षा बलों और सरकार की कर्तव्य है। वहीं पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश की नजदीकियों पर भी तौहीब ने बयान दिया। तौहीब ने कहा कि पाकिस्तान बांग्लादेश के लिए वैसी है जैसे दूसरे देश हैं। अगर पाकिस्तान के साथ कोई थोड़ी-बहुत बातचीत होती है तो उसे इतना तूल नहीं देना चाहिए।
आज बांग्लादेश और भारत के बीच बैठक
इस बैठक में बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने इस संधि के नवीनीकरण और विवाद को सुलझाने पर जोर दिया है। इसके अलावा सार्क देशों की स्थाई समिति बैठक बुलाने की अपील की है। वहीं सीमा विवाद को लेकर नई दिल्ली में बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) और BSF के महानिदेशक स्तर पर 17 फरवरी को आयोजित बातचीत होने का भी जिक्र किया और इसके सफल होने की उम्मीद की।