अमेरिकी उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है
इस निर्णय से अमेरिकी उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में तकनीकी उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, चीन ने अमेरिकी बोइंग विमानों की आपूर्ति रोक दी है और सात दुर्लभ पृथ्वी धातुओं और मैग्नेट्स का निर्यात भी रोक दिया है, जो तकनीकी, रक्षा और इलेक्ट्रिक वाहनों के उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इससे अमेरिकी उद्योगों की आपूर्ति श्रृंखलाओं पर दबाव बढ़ सकता है।
चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों पर भी टैरिफ लगाया
चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों पर भी टैरिफ लगाया है, जैसे चिकन, गेहूं, कॉर्न और कॉटन पर 15% टैरिफ, और सोयाबीन, ज्वार, पोर्क, बीफ, मछली, फल-सब्जियां और डेयरी उत्पादों पर 10% टैरिफ लगाया है। इसके अलावा, चीन ने अमेरिकी कोयला, एलएनजी, कच्चे तेल, कृषि उपकरण और कुछ ट्रकों पर भी टैरिफ लगाया है। साथ ही, चीन ने गूगल के खिलाफ एंटी-मोनोपॉली जांच शुरू की है और कुछ अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है।
भारत को लाभ हो सकता है
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव अब नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर 60% तक टैरिफ लगाने की धमकी दी है। इससे स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर चिप्स जैसी तकनीकी उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अमेरिकी कंपनियां, जैसे Apple, HP, और Dell, अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को पुनः व्यवस्थित करने के लिए प्रेरित हो सकती हैं, जिससे भारत को लाभ हो सकता है।
अपने एयरलाइंस से विमान और उपकरण खरीदने से रोक दिया
इस बीच, चीन ने अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी Boeing को अपने एयरलाइंस से विमान और उपकरण खरीदने से रोक दिया है। इसके अलावा, चीन ने सात दुर्लभ पृथ्वी धातुओं और मैग्नेट्स का निर्यात भी निलंबित कर दिया है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों, रक्षा प्रणालियों और इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण में महत्वपूर्ण हैं। इस कदम से अमेरिकी उद्योगों की आपूर्ति श्रृंखलाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। बहरहाल अमेरिका में, ट्रंप प्रशासन ने स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स पर नए टैरिफ लागू करने से अस्थायी छूट दी है, जिससे बाजार को थोड़ी राहत मिली है।