21 जून भारत के लिए है साल का सबसे बड़ा दिन, पर ऑस्ट्रेलिया में क्यों हो जाता है छोटा ?
Yoga Day vs The Longest Day: खगोलीय दृष्टि से 21 जून योग दिवस को साल का सबसे बड़ा दिन कहा जाता है, जबकि आस्ट्रेलिया में यही दिन छोटा हो जाता है। पढ़िए एम आई जाहिर की स्पेशल रिपोर्ट:
Yoga Day vs The Longest Day: भारत सरकार ने 21 जून को योग दिवस घोषित कर रखा है।इस दिन का प्राकृतिक संतुलन और ऊर्जा का अधिकतम प्रभाव होने के कारण इसे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (Yoga Day vs The Longest Day) के रूप में चुना गया है। यह दिन आंतरिक और बाहरी ऊर्जा को संतुलित करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। वहीं उत्तरी गोलार्ध में यह सबसे लंबा दिन (June 21 longest day) होता है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध (जैसे ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना) में 21 जून सबसे छोटा दिन (The shortest day) होता है और वहाँ सर्दी का समय होता है। जबकि धार्मिक इतिहास के अनुसार रोम में 336 ईस्वी में पहले प्रमाणिक क्रिसमस मनाए जाने के सुबूत हैं । चर्च ने संभवतः 25 दिसंबर चुना, क्योंकि यह मिस्र और रोमन सूर्य–उत्सव (Dies Natalis Solis Invicti) से मेल खाता था, जो शीत अयनांत के समकक्ष था । एक ओर मौसम के अनुसार 21 जून सबसे बड़ा दिन कहलाता है तो दूसरी ओर ईसाई परंपरा के अनुसार 25 जून क्रिसमस डे को भी बड़ा दिन कहा जाता है।
What began on ancient soil is now a global movement.🧘♂️
Yoga—India’s timeless gift, is bringing the world together in breath and balance. On 21st June, millions across continents will pause, stretch, and reconnect.
21 जून–क्यों होता है सबसे लंबा दिन? खगोलीय कारण (Astronomical Reason)
मौसम व खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार 21 जून को गर्मियों का अयनांत (Summer Solstice) कहा जाता है, विशेष रूप से उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में होता है। इस दिन सूर्य सीधा कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पर चमकता है। पृथ्वी का झुकाव (23.5 डिग्री) सूर्य की ओर होने के कारण इस दिन धूप सबसे लंबी होती है और रात सबसे छोटी होती है।
भारत के कुछ प्रमुख शहरों में 21 जून को दिन की लंबाई
शहर
सूर्योदय
सूर्यास्त
कुल दिन की अवधि
नई दिल्ली
05:23 AM
07:22 PM
⏱ 13 घंटे 59 मिनट
मुंबई
06:01 AM
07:17 PM
⏱ 13 घंटे 16 मिनट
कोलकाता
04:52 AM
06:29 PM
⏱ 13 घंटे 37 मिनट
चेन्नई
05:43 AM
06:38 PM
⏱ 12 घंटे 55 मिनट
श्रीनगर
05:15 AM
07:47 PM
⏱ 14 घंटे 32 मिनट
ऑस्ट्रेलिया में 21 जून सबसे छोटा दिन क्यों होता है ?
मौसम व खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में 21 जून सबसे छोटा दिन इसलिए होता है क्योंकि वह पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध (Southern Hemisphere) में स्थित है। क्यों किपृथ्वी का झुकाव (Earth’s Tilt) पृथ्वी अपनी धुरी पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई है। जब 21 जून को सूर्य की सीधी किरणें उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere), पर यानि कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पर पड़ती हैं, तब जैसे भारत, अमेरिका, यूरोप में उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे लंबा होता है और दक्षिणी गोलार्ध (जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, अर्जेंटीना) में दिन सबसे छोटा होता है क्योंकि वहाँ सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं।
ऑस्ट्रेलिया में 21 जून को दिन की लंबाई कितनी होती है?
सिडनी: लगभग 9 घंटे 53 मिनट मेलबर्न: लगभग 9 घंटे 32 मिनट होबार्ट (तस्मानिया): लगभग 9 घंटे यानी सूरज देर से निकलता है और जल्दी ढल जाता है।
इस समय ऑस्ट्रेलिया में क्या होता है ?
यह समय वहां की सर्दी (Winter Season) का प्रारंभ होता है। तापमान गिरता है, रातें लंबी और दिन छोटे होते हैं। वहीं 21 जून के बाद धीरे-धीरे दिन बढ़ने लगते हैं और 21 दिसंबर को वहां सबसे लंबा दिन आता है।
दिन क्यों बड़ा होता है ?
सूर्य सबसे जल्दी उगता है और सबसे देर से डूबता है, इसलिए दिन के उजाले की अवधि लगभग 14 से 15 घंटे तक हो सकती है (स्थान के अनुसार अलग)। भारत जैसे देशों में, 21 जून को दिन की लंबाई लगभग 13.5 से 14 घंटे होती है, जबकि दिसंबर में सिर्फ 10 घंटे के आसपास होती है। यह समय ग्रीष्म ऋतु (Summer Season) का शिखर होता है। अधिक धूप के कारण तापमान अधिक होता है -यानि गर्मी अधिक महसूस होती है। खेती के लिए यह समय सूरजमुखी, मूंगफली, कपास जैसी फसलों के लिए अनुकूल माना जाता है।
दुनिया में क्या होता है इस दिन ?
उत्तरी गोलार्ध में यह सबसे लंबा दिन होता है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध (जैसे ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना) में 21 जून सबसे छोटा दिन होता है और वहाँ सर्दी का समय होता है।
21 जून – अंतरराष्ट्रीय योग दिवस : इतिहास और महत्व
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव रखा, जिसे 11 दिसंबर 2014 को 177 देशों ने समर्थन दिया 21 जून, उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन (summer solstice) चुना गया, क्योंकि यह प्रकाश, ऊर्जा और संतुलन का प्रतीक है । पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था, जिसमें PM मोदी ने राजपथ में 35,985 लोगों के साथ 21 आसन किए और दो विश्व रिकॉर्ड कायम किए ।
इसकी वैश्विक प्रसार और थीम क्या है ?
यह दिन हर साल 21 जून को मनाया जाता है, और 2025 की थीम है “Yoga for One Earth, One Health है। स्वास्थ्य, मानसिक शांति और पर्यावरणीय जागरूकता पर जोर देता यह योग दिवस विश्वभर में सार्वजनिक सत्रों, वर्कशॉप्स और सार्वजनिक स्नेह मिलन या मीट अथवा गेट–टुगेदर के रूप में आयोजित होताहै ।
आखिर 21 जून क्यों होता है सबसे लंबा दिन ?
विज्ञान के अनुसार खगोलीय कारण (Astronomical Reason): 21 जून को गर्मियों का अयनांत (Summer Solstice) कहा जाता है, विशेष रूप से उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में होता है। इस दिन सूर्य सीधा कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पर चमकता है। वहीं पृथ्वी का झुकाव (23.5 डिग्री) सूर्य की ओर होने के कारण इस दिन धूप सबसे लंबी होती है और रात सबसे छोटी होती है।
यह दिन क्यों बड़ा होता है?
सूर्य सबसे जल्दी उगता है और सबसे देर से डूबता है, इसलिए दिन के उजाले की अवधि स्थान के अनुसार अलग लगभग 14 से 15 घंटे तक हो सकती है। भारत जैसे देशों में, 21 जून को दिन की लंबाई लगभग 13.5 से 14 घंटे होती है, जबकि दिसंबर में सिर्फ 10 घंटे के आसपास है।
21 जून को जलवायु पर असर
यह समय ग्रीष्म ऋतु (Summer Season) का शिखर होता है। अधिक धूप के कारण तापमान अधिक होता है — यानी गर्मी अधिक महसूस होती है। खेती के लिए यह समय सूरजमुखी, मूंगफली, कपास जैसी फसलों के लिए अनुकूल माना जाता है।
दुनिया में क्या होता है इस दिन? योग दिवस भी इसी दिन क्यों ?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रविकांत का कहना है: “21 जून को सबसे लंबा दिन इसलिए होता है क्योंकि इस दिन पृथ्वी सूर्य की ओर अधिक झुकी होती है और कर्क रेखा पर सूर्य की सीधी किरणें गिरती हैं। इसे वैज्ञानिक रूप से ‘गर्मियों का अयनांत’ कहा जाता है।” योग थीम (2025) की जानकारी आयुष मंत्रालय की हालिया ब्रीफिंग से: “Yoga for One Earth, One Health” थीम इस बार जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य दोनों पर केंद्रित है, जो COP29 के माहौल से भी जुड़ती है। बहरहाल 21 जून को “सबसे बड़ा दिन” कहा जाता है क्योंकि यह पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर गति और झुकाव के कारण साल का सबसे लंबा दिन होता है। यह खगोलीय, मौसमी और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण दिन है।