Akhand Jyoti: नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का क्या है नियम, जानें ज्योति जलाने के क्या फायदे और बुझने पर क्या करें
Akhand Jyoti In Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की पूजा-उपासना का पवित्र समय है। इस दिन मां के लिए अखंड ज्योति जलाकर नौ दिन पूजा की जाती है। आइये जानते हैं अखंड ज्योति जलाने का नियम क्या है और इसके जलाने के फायदे और बुझने पर क्या करें (Akhand Jyoti Ke Niyam)
Akhand Jyoti In Chaitra Navratri 2025: अखंड ज्योति
Akhand Jyoti Ke Niyam: नवरात्रि के नौ दिनों में भक्त पूरे श्रद्धा भाव से मां की पूजा कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। यह समय मां दुर्गा को प्रसन्न करने और माता का आशीर्वाद प्राप्त करने का अच्छा समय है। साल 2025 में चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 30 मार्च से शुरू हो रही है।
इस दिन अखंड ज्योति जलाई जाएगी। यह घर और मन को रोशन करती है। लेकिन इसकी विशेष परंपरा है। अखंड ज्योति को जलाने के सही तरीके से पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वाराणसी के पुरोहित पं. शिवम तिवारी के अनुसार आइये जानते हैं अखंड ज्योति जलाने का नियम क्या है (Akhand Jyoti In Chaitra Navratri 2025)।
चैत्र नवरात्रि 2025 में अखंड ज्योति जलाने के नियम (Akhand Jyoti Ke Niyam)
1.अखंड दीप जलाने के लिए शुद्ध देसी घी, तिल का तेल या सरसों के तेल का प्रयोग करना शुभ माना जाता है। घी का दीपक आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है, जबकि सरसों या तिल के तेल से जलाया गया दीप नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
2. दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए, क्योंकि यह दिशा शुभ मानी जाती है। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। 3. घी का दीपक माता दुर्गा की प्रतिमा के दाहिनी ओर और तेल का दीपक बाईं ओर रखना चाहिए।
4. दीपक उत्तर दिशा में रखने से घर के सदस्यों की आयु बढ़ती है और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। 5. दक्षिण दिशा में दीपक नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह दिशा यमराज की मानी जाती है और इससे घर में अनहोनी की आशंका बढ़ती है।
अखंड दीप जलाने की सावधानियां और बुझ जाए तो क्या करें (Akhand Jyoti Bujh Jaye To Kya Kare)
पं. तिवारी के अनुसार अखंड दीप जलाने के दौरान कुछ विशेष सावधानियां रखनी चाहिए, आइये जानते हैं सावधानियां ..
1.दीपक इतना बड़ा होना चाहिए कि वह लंबे समय तक जल सके, यदि दीपक गलती से बुझ जाए तो माता से क्षमा याचना करके उसे फिर से जलाएं। 2. दीपक में बार-बार तेल या घी डालना हो तो स्नान करके स्वच्छ हाथों से ही करें। दीपक को टूटी-फूटी वस्तुओं में नहीं जलाना चाहिए और इसे भूमि पर न रखकर, चावल से भरी थाली में रखना चाहिए।
3. जहां अखंड ज्योति जल रही हो, वहां ताले नहीं लगाने चाहिए। अखंड दीप तब तक जलता रहना चाहिए, जब तक नवमी के दिन कन्या पूजन न हो जाए। 4. यदि किसी कारणवश आप अपने घर में अखंड दीप नहीं जला सकते तो किसी मंदिर में इसके लिए आवश्यक सामग्री दान कर सकते हैं। यह भी उतना ही लाभकारी माना जाता है।
पं. तिवारी के अनुसार अखंड दीप जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता समाप्त होती है। आइये जानते हैं इसके और क्या फायदे हैं..
1. यह दीपक घर में धन, ऐश्वर्य और उन्नति लाने में सहायक होता है। 2. अखंड दीपक जलाने से घर में शांति और संतुलन बना रहता है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होता है।
3. यदि दीपक सरसों के तेल से जलाया जाए तो पितरों की शांति के लिए लाभदायक होता है। 4. दीपक जलाने का उद्देश्य अज्ञान के अंधकार को दूर करना और ज्ञान का प्रकाश फैलाना है।
5. अखंड दीप से निकलने वाला धुआं पर्यावरण में हानिकारक जीवों को नष्ट करता है और शुद्धि लाता है। 6. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यदि नवरात्रि के दौरान अखंड दीप के सामने बैठकर मंत्र जाप किया जाए तो माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
7. यदि नियमों का पालन करते हुए अखंड दीप जलाएं तो माता दुर्गा की कृपा से हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
चैत्र नवरात्रि में अखंड ज्योति का महत्व
पं. तिवारी के अनुसार नवरात्रि में जलाए जाने वाले अखंड दीप दो तरह के होते हैं। इनमें से एक है कर्म दीप यह पूजा के दौरान जलाया जाता है। जबकि दूसरा विशेष साधना या पर्व के दौरान जलाया जाता है और यह बिना बुझाए जलता रहता है।
मान्यता है कि अखंड दीप जलाने से माता दुर्गा की कृपा बनी रहती है और घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं कर पातीं। यह दीपक वास्तु दोष को दूर करने, पारिवारिक कलह समाप्त करने और भाग्य को मजबूत करने में भी उपयोगी होता है।