जानकारी के अनुसार, मोबाइल की दुकान पर काम करने वाले 22 वर्षीय लक्ष्मण सिंह का पिछले एक साल से शाहबेद गांव की 20 वर्षीय प्रीति से प्रेम प्रसंग चल रहा था। प्रीति ने बीएससी की पढ़ाई पूरी कर ली है और अपनी मां पुष्पा के साथ गांव में रहती है। उसके पिता पवन कुमार दिल्ली में कार्यरत हैं और महीने में एक बार घर आते हैं।
एक साल पहले शुरू हुई थी लव स्टोरी
करीब एक साल पहले प्रीति अपने मोबाइल का डिस्प्ले ठीक कराने लक्ष्मण की दुकान पर गई थी। यहीं पर दोनों के बीच फोन नंबरों का आदान-प्रदान हुआ और बातचीत शुरू हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। मंगलवार को प्रीति ने लक्ष्मण को मिलने के लिए अपने गांव बुलाया। लक्ष्मण प्रीति के गांव पहुंचा और दोनों गांव के बाहर एक खेत में मिले। तभी वहां से गुजर रहे कुछ गांव वालों ने उन्हें देख लिया। गांव वालों ने तुरंत दोनों को पकड़ लिया और उनके परिजनों को मौके पर बुलाया।
दहेज की मांग बनी अड़चन
लक्ष्मण के घरवाले मौके पर नहीं आए। पूछने पर लक्ष्मण ने बताया कि चार महीने पहले उसकी सगाई दूसरे गांव की लड़की से हो चुकी है, जिसके कारण उसके घरवाले इस शादी के लिए राजी नहीं हैं। उसने यह भी खुलासा किया कि उसके घरवाले प्रीति से शादी के लिए पांच लाख रुपये दहेज की मांग कर रहे थे, जिसके चलते प्रीति के परिजन पीछे हट गए थे।
मंदिर में हुई शादी
ग्रामीणों ने लक्ष्मण पर काफी दबाव बनाया, जिसके बाद उसने अपने मामा राजकुमार को फोन कर बुलाया। प्रीति के घरवाले भी गांव में बने देवी मां के मंदिर पहुंचे। गांव वालों ने बिना किसी देरी के मंदिर में ही दोनों की शादी करवाने का फैसला किया। उन्होंने दोनों को जयमाला डलवाई और मांग में सिंदूर भरवाकर शादी की सभी रस्में अपने सामने पूरी करवाईं। शादी के तुरंत बाद, प्रीति को लक्ष्मण के साथ उसकी बाइक पर ही विदा भी कर दिया गया।