बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि वह सैलरी नहीं लेंगे। तस्वीर में उनकी बेटी शांभवी साथ है। @Ashokchaudhary FB Account
Bihar Minister becomes Asst Professor : बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की 57 साल की उम्र में नौकरी लग गई है। उनका चयन राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुआ है। फिलवक्त वह बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। उन्होंने इस नौकरी के लिए 5 साल पहले आवेदन किया था। वह दलित कोटा से असिस्टेंट प्रोफेसर बने हैं। चौधरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है।
राजनीतिक विश्लेषक ओपी अश्क बताते हैं कि 2018 में अशोक चौधरी कांग्रेस छोड़कर कुछ विधायकों के साथ जदयू में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने दलितों का कार्यक्रम भीम संवाद का आयोजन किया था, जो काफी सफल रहा। इसका उन्हें क्रेडिट मिला, जिससे जदयू में उनका कद बढ़ गया और नीतीश के करीबी बन गए।
नीतीश के मानस पुत्र कहलाए जाते हैं
अशोक चौधरी के बारे में बिहार में कहा जाता है कि वह नीतीश कुमार के ‘मानस पुत्र’ हैं। उनके परिवार का मिश्रण काफी अनोखा है। उनकी मां कायस्थ हैं जबकि पत्नी ब्राह्मण हैं। दामाद की बात करें तो वह भूमिहार हैं। उनकी बेटी शांभवी लोजपा से समस्तीपुर लोकसभा सीट से सांसद है और प्रशांत किशोर के बेटे कुणाल से उसकी शादी हुई है।
अशोक चौधरी की राजनीतिक पकड़
अशोक चौधरी के पिता कांग्रेसी थे। उन्होंने भी कांग्रेस ज्वाइन की थी और बिहार के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। वह बिहार की बरबीघा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते आए हैं। हालांकि वह बाद में कांग्रेस छोड़कर JDU में आ गए थे। इस समय वह एमएलसी हैं। उनकी बेटी LJP (रामविलास) पार्टी की सदस्य है। वहीं दामाद RSS के साथ हैं।
Hindi News / State / नीतीश कुमार के कैसे खासमखास बने अशोक चौधरी? बेटी भी है लोजपा से सांसद