गांधीनगर महानगर पालिका राज्य की ऐसी पहली महानगर पालिका बन गई है, जिसने अपनी स्थापना के महज 15 साल में ही मनपा बॉन्ड जारी किया और उसे अच्छा समर्थन भी मिला। महज एक मिनट में 9 गुना ज्यादा निवेशवर्ष 2010 गांधीनगर महानगरपालिका की स्थापना हुई। उसने खुले बाजार से पैसा जुटाने को 25 करोड़ रुपए के म्युनिसिपल बांड एनएसई पर रखे। गांधीनगर महानगरपालिका के म्युनिसिपल बांड को मात्र एक मिनट में 09 गुना अधिक अभिदान मिला, जिसका कूपन रेट 7.65 प्रतिशत है। जीएमसी के 25 करोड़ रुपये के बांड निर्गम आकार के विरूद्ध 225 करोड़ रुपए का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।
दो साल की तैयारी, केयर, क्रिसिल से एए रेटिंग
गांधीनगर महानगरपालिका के अनुसार दो वर्षों तक ऑडिट, रेटिंग और अनुमोदन प्रक्रिया से गुजरने के पश्चात म्युनिसिपल बांड जारी किया। गांधीनगर मनपा को मनपा बांड प्राप्त करने के लिए केयर-(एए) और क्रिसिल(-एए) रेटिंग प्राप्त हुई है। मनपा बांड प्राप्त करने से मनपा के वित्तीय खातों में अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ेगी। वित्तीय खातों की निगरानी और पर्यवेक्षण भी तीसरे पक्ष द्वारा किया जाएगा। गांधीनगर मनपा मनपा बॉन्ड प्राप्त करनेे वाला राज्य का पांचवां नगर निगम (मनपा) बन गया है। इससे पहले अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट महानगर नगरपालिका ने मनपा बांड प्राप्त करने में सफलता पाई है। गांधीनगर मनपा देश की 17वीं मनपा बन गई है, जिसने मनपा बांड प्राप्त करने में सफलता पाई है।
केन्द्र सरकार से मिलेगी 3.25 करोड़ की ब्याज सब्सिडी
गांधीनगर मनपा के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि चूंकि गांधीनगर मनपा देश में मनपा बांड प्राप्त करने वाले पहले 20 मनपाओं में से एक है, इसलिए गांधीनगर मनपा को भारत सरकार से प्रोत्साहन के रूप में लगभग 3.25 करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी मिलेगी।