शाहीबाग पुलिस निरीक्षक जे डी झाला ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि महेश जीरावाला की पहचान तो 16 जून को ही हो गई थी, लेकिन उनके परिजन उनकी मौत की बात मानने को तैयार नहीं थे। यह स्थिति तब थी जब घटनास्थल के पास से महेश के गुजरते होने का सीसीटीवी फुटेज उन्हें बताया गया था। उनका खाक हुआ दुपहिया वाहन भी बताया। आखिरकार इसके खाक हो चुके चेसिस नंबर, इंजन नंबर सर्च करके उसकी रिपोर्ट दी तब उन्हें विश्वास हुआ।
गुमशुदा हुए महेश की हुई पहचान
गुमशुदा हुए लोगों में से महेश की पहचान सुनिश्चित करने को पुलिस ने काफी मेहनत की। संवेदनशीलता और धैर्य भी रखा। महेश के गुमशुदगी की शिकायत नरोडा पुलिस थाने में दर्ज कराई थी। वे नरोडा में डी मार्ट के पास मुरलीधर हाईट्स में रहते थे। घटना के बाद 12 जून से ही लापता थे। घटनास्थल के पास उनका आखिरी लोकेशन था।