ऑनलाइन पंजीयन करवाया
सरकार की गेहूं खरीद संबंधी प्रक्रिया के तहत कस्बे व समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्र के बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी गेहूं की फसल को बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीयन करवाया। इसके पश्चात माल तुलाई के लिए अपने निजी संसाधनों के जरिए गेहूं लेकर मंडी पहुंचे, जिससे मंडी में चारों ओर गेहूं के ढेर लगे हुए हैं।
10 हजार क्विंटल गेहूं
बिजयनगर मंडी में करीब 100 किसानों की ओर से समर्थन मूल्य पर विक्रय के लिए लाया गया लगभग 10 हजार क्विंटल गेहूं मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा है। विक्रय के लिए पंजीयन के पश्चात माल तुलाई प्रक्रिया में नम्बर नहीं आने से परेशान काश्तकार रामकरण गुर्जर, मैनादेवी गुर्जर, कृष्ण गोपाल सिंह, जीवराज, जमराज सिंह आदि ने बताया कि वे लगभग एक सप्ताह पूर्व खेत से फसल कटाई कार्य से निवृत्त होते ही गेहूं की फसल को ट्रेक्टर के जरिए खलिहान से सीधा मंडी में लेकर आए, लेकिन अभी तक बारदाना नहीं मिलने से फसल खुले में पड़ी है। समय पर तुलाई के अभाव में आंधी, बरसात, तूफान की संभावना के चलते माल की क्वालिटी खराब होने का अंदेशा बना हुआ है।
घर में शादी है
खूटिया निवासी काश्तकार मैनादेवी व उनके परिजन ने बताया कि उनके घर परिवार में शादी का कार्यक्रम है। मंडी में रखे गेहूं की समय पर तुलाई नहीं होने से इसकी रखवाली के लिए यहां बैठना पड़ रहा है।
सुधार की उम्मीद
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद कार्य में जुटे एफसीआई के किस्म निरीक्षक आनन्द कृष्ण पारीक ने बताया कि मंडी में सरकार की योजना के अनुरूप अब तक 10 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है। विगत कुछ दिनों से खाली कट्टों की कमी के कारण काश्तकारों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। इस समस्या के निदान के लिए वे आज बारदाना लेने बाहर आए हुए हैं। बुधवार को पंजीकृत काश्तकारों को खाली कट्टे उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।