ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर की याचिका लगाने वाले हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता पर 25 जनवरी सुबह गगवाना-लाडपुरा पुलिया के निकट फायरिंग की वारदात में पुलिस परत-दर-परत उधेड़ने में लगी है। पड़ताल में सामने आया कि फायरिंग के बाद वारदात में इस्तेमाल हथियार को भी सड़क के किनारे फेंक दिया गया। सड़क किनारे फेंका गया हथियार राह चलता टेम्पो का चालक उठा ले गया लेकिन जब उसको वारदात की गम्भीरता और अपने पकड़े जाने का डर सताया तो वह हथियार लेकर पुलिस थाने पहुंच गया। उसने पुलिस को हथियार मिलने का वृतांत भी सुनाया है। हालांकि पुलिस उसके बयानों को अंतिम ना मानकर विष्णु गुप्ता की कार व हथियार की एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
नजदीक से चलाई थी गोली
प्रारंभिक पड़ताल में यह स्पष्ट हो चुका था कि कार पर फायरिंग की वारदात नजदीक से अंजाम दी गई। फोरेंसिक की टीम ने गुप्ता की कार व बरामद हथियार को जांच के लिए भेजा है। गौरतलब है कि फायरिंग के बाद हथियार ठिकाने लगाने के इरादे से फेंका गया था जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया।
यह है मामला
गेगल थाना पुलिस ने 25 जनवरी दोपहर नई दिल्ली आली सरिता विहार निवासी विष्णु गुप्ता की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज किया। गुप्ता ने रिपोर्ट में बताया कि वह अजमेर दरगाह मामले की सुनवाई के लिए 23 जनवरी को आया था। कोर्ट में सुनवाई के बाद 25 जनवरी सुबह पौने 6 बजे ड्राइवर के साथ दिल्ली के लिए वह रवाना हुआ। राजमार्ग पर गगवाना पुलिया के पास पहुंचा तो बाइक सवार दो युवकों ने उसे पर गोली चलाई। गोली कार के पीछे बायीं ओर के गेट के निचले हिस्से में लगी। इसके बाद हमलावर वारदात के बाद वापस लौट गए।