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अजमेर

जयपुर के बाद अब उदयपुर में भी बनेगा बेदखबाद

भारत के साथ इजरायल के मैत्रीपूर्ण संबंध के चलते यहूदी धर्मस्थल भी बढ़े हैं। पुष्कर में धर्मस्थल बेदखबाद के साथ जयपुर में भी धर्मस्थल बन चुका है।

अजमेरJan 01, 2025 / 12:12 pm

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tourist in pushkar

tourist in pushkar

पुष्कर में नववर्ष मनाने के लिए सर्वाधिक इजरायली पर्यटक ही पुष्कर में हैं। इनकी संख्या अधिक होने से यहां अन्य विदेशी पर्यटकों की संख्या कम नजर आ रही है।

चन्द्र प्रकाश जोशी, महावीर भट्ट
अजमेर. पुष्कर का धार्मिक माहौल, भौगोलिक एवं प्राकृतिक स्थिति इजरायली पर्यटकों को खूब रास आ रही है। यहूदियों का धर्मस्थल बेदखबाद पुष्कर में होने से यहां इजरायली पर्यटकों का ठहराव भी कोविड के बाद बढ़ा है। पुष्कर के साथ अब देशभर में यहूदियों के धर्मस्थल बेदखबाद का प्रसार होने से पर्यटक भारत में रहना पसंद करते हैं। पुष्कर में नववर्ष मनाने के लिए सर्वाधिक इजरायली पर्यटक ही पुष्कर में हैं। इनकी संख्या अधिक होने से यहां अन्य विदेशी पर्यटकों की संख्या कम नजर आ रही है।
राजस्थान के केन्द्र अजमेर जिले के पुष्कर में विदेशी पर्यटकों का सालभर ठहराव होता है, लेकिन कोविड के बाद सर्वाधिक संख्या इजरायली पर्यटकों की है। हमास-इजरायली सेना के मध्य युद्ध के बाद इनकी संख्या भी कुछ कम हुई है।

यहूदियों के भारत में बढ़ रहे धर्मस्थल

भारत के साथ इजरायल के मैत्रीपूर्ण संबंध के चलते यहूदी धर्मस्थल भी बढ़े हैं। पुष्कर में धर्मस्थल बेदखबाद के साथ जयपुर में भी धर्मस्थल बन चुका है। अब जल्द उदयपुर में भी तैयारी है। इसके साथ ही मनाली, दिल्ली, मुम्बई, पूना, कोचीन, हम्पी, कोच्चि, हिमाचल, धर्मशाला में धर्मकोट, वाटर केनाल समेत करीब 15 स्थानों पर यहूदी धर्मस्थल खबाद हाउस चल रहे हैं।
इजरायली पर्यटकों के ठहराव की यह भी वजह

– पुष्कर में खरीदारी में बार्गेनिंग, सस्ती रेट पर होटल, नशे की उपलब्धता।

– स्थानीय लोगों का आमदनी बढ़ने की इच्छा में सम्मानजनक भाषा में संबोधन करना।
– धर्मस्थल के चलते यहां ठहराव की कोई समय सीमा नहीं।

अन्य विदेशी पर्यटकों की संख्या घटने का यह कारण

– इजरायली पर्यटकों की आवक बढ़ने के साथ ही अन्य देशों के पर्यटकों की आवक घटी।
– कोविड के बाद यूरोपियन देश इंग्लैण्ड, जर्मन, फ्रांस, स्वीडन, नार्वे, आस्टि्या की आर्थिक हालत कमजोर होना।

– रेस्टोरेंट, होटल व बाजार में इजरायली पर्यटकों का समूह में घूमना, खाना, ठहरना। ये सभी हमउम्र समूह में साथ रहते हैं।
पुष्कर में वर्ष 2000 में शुरू हुआ धार्मिक स्थल

पुष्कर में यहूदी धर्मस्थल बेदख़बाद वर्ष 2000 में शुरू हुआ। अधिक सर्दी पर ये पर्यटक गोवा, हम्पी, त्रिवेंद्रम, कोच्ची की ओर जाते हैं और मौसम अनुकूल होने पर 26 जनवरी के बाद पुष्कर में वापसी करते हैं।
इसके साथ ही मनाली, दिल्ली, मुम्बई, पूना, कोचीन, हम्पी, कोच्चि, हिमाचल, धर्मशाला में धर्मकोट, वाटर केनाल समेत करीब 15 स्थानों पर यहूदी धर्मस्थल खबाद हाउस चल रहे हैं।

पुष्कर में पर्यटकों की आवक
6000 इजरायल

4500 जर्मनी

6500 यूके

9500 फ्रांस

300 से अधिक इजरायली पर्यटकों का ठहराव वर्तमान में, अन्य कम

(पर्यटन विभाग के अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार)

सालभर रहता है ठहराव

अजमेर की अपेक्षा पुष्कर में विदेशी पर्यटकों की संख्या अधिक आई है। इजरायली पर्यटकों का यहां सालभर ठहराव रहता है। बीते अक्टूबर माह में करीब 6000 इजरायली पर्यटक आए हैं।पुष्कर में सर्वाधिक इजायली पर्यटकों का ठहराव, अन्य विदेशी पर्यटकों का ठहराव कम होता है। अन्य विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी मगर ठहराव नहीं होता है। यूके, फ्रांस, जर्मनी सहित अन्य देशों के पर्यटक भी आ रहे हैं लेकिन ज्यादा दिन पुष्कर में ठहरते नहीं है। जबकि देशी पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
– प्रद्युम्न देथा, पर्यटन अधिकारी, अजमेर

अब पुष्कर महंगा हो गया है। कोरोना के बाद जबरदस्त मंदी के कारण आर्थिक तंगी भी पुष्कर में पर्यटकों की आवक घटने के एक प्रमुख कारण हैं। अब पर्यटक ओर बायर थाईलैंड और नेपाल जाने लगे हैं। इजरायली पर्यटक ज्यादा ठहरते हैं।
– रघु पारीक, अध्यक्ष, होटल ओनर्स एसोसिएशन, पुष्कर

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