बता दें, बंद के दौरान शहरभर में बाजार पूरी तरह से बंद रहे। सड़कों पर सर्व समाज संघर्ष समिति के सदस्य प्रदर्शन करते नजर आए। प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया। DYSP सज्जन सिंह ने पूरी कमान संभाल रखी है। इस दौरान 8 थानों की पुलिस के साथ RAC का अतिरिक्त जाब्ता भी तैनात किया गया है।
SIT जांच की धीमी गति से असंतोष
बताते चलें कि बिजयनगर ब्लैकमेल कांड की जांच पहले SIT को सौंपी गई थी, लेकिन पीड़ित परिवारों और आम जनता का कहना है कि जांच की रफ्तार धीमी है और मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए। इसलिए जनता ने इस केस को CBI को सौंपने की मांग की है। इसको लेकर हिंदू संगठनों और सर्व समाज संघर्ष समिति ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर रैली निकाली। इधर, अजमेर रेंज DIG ओमप्रकाश ने SIT प्रभारी को बदलकर अब जिम्मेदारी प्रशिक्षु आईपीएस अभिषेक अंदासु को सौंपी है। अभिषेक अंदासु IIT बॉम्बे से पास आउट हैं और साइबर क्राइम मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
क्या है बिजयनगर ब्लैकमेल कांड?
गौरतलब है कि 15 फरवरी 2024 को बिजयनगर थाने में एक नाबालिग लड़की ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद यह मामला प्रकाश में आया। धीरे-धीरे अन्य पीड़ित भी सामने आए, जिससे यह मामला और बड़ा हो गया। रिपोर्ट में बताया गया कि नाबालिग लड़कियों को फंसाकर उनके अश्लील वीडियो बनाए गए। बाद में वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उनके साथ दुष्कर्म किया गया।
वहीं, ये भी बताया गया कि लड़कियों पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया और कलमा पढ़ने, रोजा रखने के लिए मजबूर किया गया। इस मामले में अब तक 16 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें 5 नाबालिग हैं।