बिजयनगर ब्लैकमेल कांड: सहेलियों से दोस्ती करवाने का बनाते थे दबाव, लड़कियों को शारीरिक संबंध बनाने के लिए करते थे मजबूर
लगभग 10-15 लड़के नाबालिग लड़कियों को होटल-कैफे में बुलाकर जाल में फांस रहे हैं। अपने धर्म के अनुसार कपड़े पहनने, रहने व सहेलियों से दोस्ती करवाने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
Bijainagar Rape Blackmail Case Update: अजमेर के बिजयनगर ब्लैकमेल कांड में पुलिस ने गुरुवार को अजमेर की पॉक्सो अदालत में चालान पेश कर दिया। अदालत में प्रस्तुत 895 पृष्ठीय चालान में पांच विधि विरुद्ध संघर्षरत बालकों सहित कुल 13 जनों को आरोपी बनाया गया है।
अनुसंधान अधिकारी करणसिंह खंगारोत की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेन्द्र परिहार के जरिए पेश किए गए चालान में 44 पृष्ठ की चार्जशीट है। अनुसंधान के लिए निर्धारित अवधि का गुरुवार को अंतिम दिन था। इसी दिन मामले की पेशी भी थी। अदालत ने प्रकरण में आगामी सुनवाई 30 अप्रेल को तय की है।
गुलाबपुरा व बिजयनगर क्षेत्र निवासी अफराज उर्फ अफरान उर्फ जिब्राहिल, रेहान उर्फ रियान , अमन उर्फ आमान, जावेद अली उर्फ लाला ,लुकमान उर्फ शोयब, सोहेल मंसूरी उर्फ सोयल हुसैन, आशिक ,करीम खां। इनके अलावा पांच आरोपी विधि विरुद्ध संघर्षरत बालक हैं।
यह हैं आरोप
भारतीय न्याय संहिता सहित लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में पेश किए गए चालान में नाबालिग बालिकाओं को बहलाना फुसलाना, दोस्ती के लिए विशेष वर्ग की बालिकाओं पर दबाव डालना, बातचीत के लिए फोन आदि का इस्तेमाल करना, बालिकाओं का पीछा करना, उन्हें होटल या रेस्टोरेंट में बुलाकर अन्य छात्राओं से दोस्ती कराने का दबाव डालने, पीडिताओं पर धर्म विशेष के अनुसार रहने, उनकी संस्कृति के अनुसार कपड़े पहनने, धार्मिक रिवाज अपनाने का दबाव डालने जैसे आरोप हैं। प्रकरण में सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में है।
मांगी थी अभियोजन स्वीकृति
भारतीय न्याय संहिता की धारा 353(2) के अनुसार मिथ्या जानकारी या ऐसा कथन करना जिससे जाति विशेष की धार्मिक, मूल वंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूहों या जातियों या समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं बातचीत से आहत हों। पुलिस ने इस धारा के तहत कार्रवाई के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी थी।
16 फरवरी को परिवादी ने रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें बताया गया कि एक गिरोह (जिसमें लगभग 10-15 लड़के जो उनकी नाबालिग लड़कियों को होटल-कैफे में बुलाकर जाल में फांस रहे हैं। अपने धर्म के अनुसार कपड़े पहनने, रहने व सहेलियों से दोस्ती करवाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। कई बार शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश के भी आरोप लगाए। बालिकाओं के संदिग्ध फोटोज एवं विडियो को वायरल करने की धमकियां देने की भी शिकायतें की गई। पुलिस ने बीएनएस व पॉक्सो एक्ट के तहत पुलिस थाना बिजयनगर जिला ब्यावर में प्रकरण दर्ज किया।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 75(2),78 (2),353 (1) (ग) (2) 61 (1), 7/8, 11(4)/12 व सपठित धारा 16/17 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012के तहत चालान पेश ।
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