राजस्थान की परंपरागत खेल विरासत को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए राष्ट्रीय ऊंट दौड़ चैम्पियनशिप 2025 का प्रथम संस्करण रविवार को पुष्कर में भव्य रूप से आरंभ हुआ।
मंत्री रावत ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा, “ऊंट दौड़ जैसे परंपरागत खेल न केवल हमारी संस्कृति को जीवंत बनाए रखते हैं, बल्कि इससे ग्रामीण पर्यटन और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होते हैं। राज्य सरकार पारंपरिक खेलों को संरक्षण और प्रोत्साहन देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
देशभर से 8 राज्यों के 50 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों से 50 महिला एवं पुरुष प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। ऊंटों की रोमांचक दौड़ के साथ-साथ लोक-नृत्य, संगीत, ऊंट सौंदर्य प्रतियोगिता और हस्तशिल्प की प्रदर्शनी ने कार्यक्रम को और भी रंगारंग बना दिया। इस प्रतियोगिता का आयोजन कैमलिड्स स्पोर्ट्स इंडिया फेडरेशन और राजस्थान ऊंट दौड़ संघ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। आयोजन स्थल पुष्कर का चयन इसीलिए किया गया क्योंकि यह स्थल पहले से ही विश्व प्रसिद्ध ऊंट मेले की पारंपरिक पहचान रखता है।
भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मंच तक ले जाएगा आयोजन
मंत्री रावत ने विश्वास जताया कि यह आयोजन आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान की परंपरागत खेलों को नई पहचान दिलाने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि यह केवल खेल नहीं, बल्कि राजस्थान की आत्मा है, जिसे जीवंत रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है। पुष्कर में आयोजित यह पहला राष्ट्रीय ऊंट दौड़ आयोजन न केवल खेल भावना को प्रोत्साहित करता है, बल्कि ग्रामीण लोकजीवन, संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। राज्य सरकार के सहयोग से इस पहल को और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकेगा।