इसे घोर लापरवाही करार देते हुए उन्होंने इसकी गहन जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की घोषणा की। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान विधायक अनीता भदेल, भाजपा शहर अध्यक्ष रमेश सोनी, डिप्टी मेयर नीरज जैन और कई अधिकारी मौजूद रहे।
गुणवत्ता की कमी के कारण दरारें पड़ी
मंत्री खर्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ब्रिज के निर्माण में गुणवत्ता की कमी के कारण सड़क पर दरारें पड़ गईं और मिट्टी धंस गई। उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार पर जल्दबाजी में बिना सुरक्षा ऑडिट के ब्रिज का लोकार्पण करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर से चर्चा के बाद अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में तकनीकी अधिकारियों की एक जांच कमेटी बनाई गई है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके अलावा, राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम के अधिकारियों को भी निर्माण में खामियों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। नगर निगम आयुक्त को प्रोजेक्ट प्रस्ताव से लेकर ब्रिज निर्माण पूरा होने तक की समीक्षा करने को कहा गया है। यदि जांच में और खामियां सामने आती हैं, तो तीसरे पक्ष से पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
डोटासरा पर भी निशाना साधा
मंत्री खर्रा ने इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर भी निशाना साधा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि डोटासरा को अपनी डेढ़ साल पुरानी कांग्रेस सरकार की याद आ रही है। उन्होंने कहा kf मैं इस पर ज्यादा नहीं बोलूंगा, लेकिन व्यक्ति को रात में सपने डराते हैं, जो दिन में अभिव्यक्ति के रूप में सामने आते हैं। डोटासरा के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है।