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लज्जाभंग का झूठा मुकदमा करने पर नोटिस, आरोपी बरी

-क्लॉक टावर थाने के तत्कालीन थानेदार, आईओ -सीओ पर गिरी गाज किराएदार पर लज्जा भंग व छेड़छाड़ का मुकदमा झूठा साबित अजमेर. किराएदार के खिलाफ लज्जाभंग व छेड़छाड़ करने के आरोप में मकान मालकिन द्वारा दर्ज कराया मुकदमा खुद को ही महंगा पड़ गया। अदालत में चली दस साल कानूनी लड़ाई के बाद सिविल न्यायाधीश ( […]

अजमेरFeb 01, 2025 / 10:46 pm

Dilip

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-क्लॉक टावर थाने के तत्कालीन थानेदार, आईओ -सीओ पर गिरी गाज

किराएदार पर लज्जा भंग व छेड़छाड़ का मुकदमा झूठा साबित

अजमेर. किराएदार के खिलाफ लज्जाभंग व छेड़छाड़ करने के आरोप में मकान मालकिन द्वारा दर्ज कराया मुकदमा खुद को ही महंगा पड़ गया। अदालत में चली दस साल कानूनी लड़ाई के बाद सिविल न्यायाधीश ( पश्चिम) मनमोहन चंदेल ने आरोपी वकील केसरगंज निवासी प्रकाश चंद जैन को बरी करने के आदेश दिए।अदालत ने पुलिस द्वारा लचर व गैरजिम्मेदाराना जांच करने पर जांच अधिकारी, क्लॉक टावर थाने के तत्कालीन सीआई व तत्कालीन वृत्त अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच तथा तब तक फील्ड पोस्टिंग से हटाकर लाईन भेजे जाने के आदेश भी दिए।
दस साल पुराना मामला

बचाव पक्ष के वकील उमरदान लखावत ने बताया कि अदालत ने पीडि़ता द्वारा संपत्ति विवाद में मकान खाली कराने के उद्देश्य से किराये दार पर झूठा मुकदमा दर्ज कराना माना। परिवादी के पक्ष में विनोद शर्मा व किशोर जैन की गवाही रंजिशन देना माना। मिथ्या रिपोर्ट के चलते आरोपी को 10 साल तक अदालत के चक्कर काटने पड़े। अदालत ने इसे आरोपी की व्यक्तिगत, पारिवारिक व सामाजिक प्रतिष्ठा को गहरा आघात माना। न्यायाधीश चंदेल ने लिखा कि आरोपी को प्रतिकर दिलाकर उसके परिजन की पीड़ा को कम किया जा सकता है। परिवादी महिला व आरोपी के बीच संपत्ति विवाद को लेकर कई प्रकरण लंबित हैं। इसलिए रंजिशन मुकदमा दर्ज कराया गया जो परिवादी साबित नहीं कर सकी। बचाव पक्ष की ओर से 50 दस्तावेज पेश किए गए। अदालत ने निर्णय की प्रति गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, आईजी, जिला कलक्टर को भी भेजे जाने के निर्देश दिए।
इन अधिकारियों पर गाज

क्लॉक टावर थाने के तत्कालीन थानेदार राजेन्द्र सिंह, आईओ योगेन्द्र सिंह व तत्कालीन सीओ के खिलाफ समुचित कठोर कार्रवाई, विभागीय कार्रवाई व अनुशासनात्मक कार्रवाई लाकर दो माह में रिपोर्ट से अदालत को अवगत कराया जाए। यदि कोई अधिकारी फील्ड में है तो उसे नॉन फील्ड किया जाए। सर्विस रिकार्ड में भी अंकन करने के आदेश दिए गए।
परिवादी महिला सहित चार को नोटिस

अदालत ने गवाह परिवादी महिला, उसके पति, गवाह विनोद व किशोर को सीआरपीसी की धारा 250 व 358 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए।

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