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पांच वर्षीय मासूूम से दुराचार के दोषी को अंतिम सांस तक कैद

– पॉक्सो अदालत का फैसला, एक लाख रुपए जुर्माना अजमेर. अनुसूचित जाति की पांच वर्षीय मासूम बालिका से दुराचार (यौन हिंसा) के मामले में पॉक्सो अदालत ने गुरुवार को सुनाए फैसले में दोषी को प्राकृतिक जीवन जीने तक जेल में रखने के आदेश दिए। अदालत ने विभिन्न धाराओं में अभियुक्त को एक लाख 6 हजार […]

अजमेरMar 27, 2025 / 11:15 pm

Dilip

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– पॉक्सो अदालत का फैसला, एक लाख रुपए जुर्माना

अजमेर. अनुसूचित जाति की पांच वर्षीय मासूम बालिका से दुराचार (यौन हिंसा) के मामले में पॉक्सो अदालत ने गुरुवार को सुनाए फैसले में दोषी को प्राकृतिक जीवन जीने तक जेल में रखने के आदेश दिए। अदालत ने विभिन्न धाराओं में अभियुक्त को एक लाख 6 हजार रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया। अभियुक्त शेख मोहम्मद उर्फ असर निवासी सादसपुर, बाढ़गंज, जिला खिदीरपुर हाल खानाबदोश, दरगाह क्षेत्र निवासी है। पुलिस ने कोलकाता से आरोपी के रिकार्ड की भी पुष्टि की।
प्रकरण के तथ्य

परिवादी ने 29 अप्रेल 2024 को थाने में दी रिपोर्ट में बताया कि उसकी चार वर्षीय पौत्री दिन को में दोपहरमें कोई अज्ञात व्यक्ति डरा धमका कर उठा कर ले गया। काफी तलाश करने के बाद भी नहीं मिली। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर उसका व मासूम बालिका का मेडिकल कराया। जांच में मासूम से मारपीट करने व अपहरण कर ले जाने तथा यौन हिंसा के तथ्य सामने आए। आरोपी से घटना स्थल की तस्दीक कराई जहां बच्ची को ले गया था। मेडिकल नमूने को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा।
आरोपी के खिलाफ पॉक्सो, भादंसं व जेजे एक्ट एवं एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर चालान पेश किया। विशेष लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने 17 गवाह व 30 दस्तावेज पेश किए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से पीडित प्रतिकर के लिए 6 लाख रुपए की अनुशंसा भी की।
ऐसे व्यक्ति का समाज के साथ रहना न्यायोचित नहीं

अदालत ने टिप्पणी में कहा कि प्रकरण दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी में नहीं आता लेकिन अभियुक्त ने पांच वर्षीय बालिका के साथ क्रूरता पूर्ण तरीके से यौन हिंसा की। ऐसे व्यक्ति का समाज के साथ रहना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता। वर्तमान में नाबालिग बालिकाओं के साथ बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए इस प्रकार कठोर कारावास देना न्यायोचित प्रतीत होता है।

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