खाली भूखंडों में डाल रहे मलबा निगम के अधिकारियों का कहना है कि अजमेर विकास प्राधिकरण की पंचशील, हरिभाऊ उपाध्याय नगर, कोटड़ा आवासीय योजना, चंदवरदाई सहित कई आवासीय योजनाओं में खाली पड़े भूखंडों पर लोग कचरा व मलबा डाल देते हैं। शहर में हर कहीं निर्माण कार्य चल रहे हैं। इस दौरान निर्माण सामग्री मलबा निस्तारण का ठेका देने पर मलबे को जहां जगह मिलती है वहां डंप कर दिया जाता है।
इनसे तय होती है रैंकिंग स्वच्छता रैंकिंग में सड़क, डिवाइडर, कचरा पात्र, नालियां, सार्वजनिक शौचालय, मूत्रालय, स्कूलों के खेल मैदान, स्कूलाें की चारदिवारी, चौराहों, गीले-सूखे कचरे का निस्तारण, एसटीपी प्लांट, डंपिंग यार्ड में कचरे के ढेर आदि रैंकिंग के मानक होते हैं।इस माह आएगी टीम
निगम अधिकारियों के अनुसार स्वच्छता सर्वेक्षण टीम 15 फरवरी के बाद कभी भी आ सकती है। इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों को नहीं दी जाती। टीम अपने स्तर पर मार्किंग करेगी। इसके साथ ही सिटीजन फीडबैक भी लिया जाएगा। यह केन्द्रीयकृत प्रणाली के तहत ऑनलाइन केंद्र सरकार के स्वच्छता मिशन में पहुंचेगी। सर्वेक्षण टीम की रिपोर्ट के बाद रैंकिंग तय की जाएगी।
———————————– इनका कहना है लोगों का सहयोग अपेक्षित है। सार्वजनिक निर्माण विभाग, एडीए आदि को भी ऐसे भूखंड मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यहां कचरे-मलबे के ढेर को हटाना चाहिए जिससे रैंकिंग सुधर सके।
बबीता सिंह, एईएनपर्यावरण व स्वच्छ भारत मिशन नगर निगम अजमेर ——————————————– आंकड़ों में सफाई-संसाधन 250 टन – प्रतिदिन कचरा संग्रहण व परिवहन 125 टन – गीला कचरा 125 टन – सूखा कचरा
150 – ऑटो टीपर डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए 12 – डंपर कचरा परिवहन के लिए 5 – जेसीबी 2500 – कुल सफाई कर्मी। —————————————————————— अजमेर की वर्तमान रैंकिंग
5- प्रदेश स्तर पर 214 – राष्ट्रीय स्तर पर।