यह बात अलीगढ़ के एसएसपी संजीव सुमन ने कही। एसएसपी संजीव सुमन के दफ्तर के बाहर हिदूवादी संगठनों के नेता प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान एसएसपी ने उनसे कार्यालय में आकर बातचीत करने के लिए कहा।
आपको बता दें कि अलीगढ़ के अलहदादपुर में 25 मई को खुद को गौरक्षक बताने वाले हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने कदीम, अली और अरबाज सहित चार युवकों को बेरहमी से पीटा था। साथ ही उनके ट्रक में आग लगा दी थी। कथित गौरक्षकों का आरोप था कि युवक अपनी गाड़ी से प्रतिबंधित मीट लेकर जा रहे थे।
अगर पुलिस फोर्स देर से पहुंचती तो लहूलुहान पीड़ितों की जान भी जा सकती थी। कथित गौरक्षकों ने घायल युवकों को मौके से ले जाने से रोकने की कोशिश भी की। हालांकि, पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस का बहाना बनाकर घायलों को किसी तरह से दूसरी गाड़ी से निकालकर अस्पताल पहुंचाया।जानकारी के मुताबिक, अलीगढ़ पुलिस को अलहदादपुर स्टेडियम के पास बवाल की खबर मिली थी। जब मौके पर फोर्स पहुंची तो पुलिसकर्मियों ने देखा कि आक्रोशित भीड़ ने चार युवकों को घेर रखा है, जिनमें गंभीर रूप से घायल 3 युवक एक प्लॉट की दीवार से टेक लगाए बैठे थे और चौथा पीआरवी गाड़ी के पास पड़ा है। लहूलुहान हालत में दीवार से सटे युवकों को भीड़ ने घेर रखा था। वहीं पीआरवी के सिपाही किसी तरह घायल युवक की रक्षा कर रहे थे।
आरोपियों के खिलाफ हत्या का प्रयास, डकैती, वसूली जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर कराई गई थी। इसमें 13 नामजद व 20-25 अज्ञात। एफएसएल जांच में पुष्टि हुई की मीट भैंस का था। इस घटना के बाद पुलिस ने हमले में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया है और बाकी संदिग्धों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। इस घटना के बाद पुलिस ने हमलावरों पर कार्रवाई की है और अब एसएसपी संजीव सुमन के दफ्तर का हिंदूवादी संगठनों ने घेराव किया।