नगर निगम परिसीमन के अनुसार इस बार ग्राम पंचायत नंगला रायसिस के राजस्व गांव नंगला समावदी, ग्राम पंचायत दिवाकरी के गांव दिवाकरी, ग्राम पंचायत बेलाका के गांव बेलाका, बेरका, ग्राम पंचायत बाखेड़ा के लिवारी व भाखेड़ा गांव शहरी क्षेत्र में शामिल किए जाएंगे। इन गांवों के लिए आई 45 आपत्तियों पर टिप्पणी नगर निगम की ओर से भिजवा दी गई हैं। सरकार के स्तर पर पहली बैठक हो गई है। बताया जा रहा है कि जुलाई में इसे मंजूर कर दिया जाएगा। इससे पहले नगर निगम को इन गांवों के विकास का खाका तैयार करना होगा।
भविष्य में ये गांव आएंगे शहरी क्षेत्र में
यूआईटी ने अपने अधीन 84 गांव लिए हैं। यह भविष्य में धीरे-धीरे नगर निगम सीमा में आएंगे। इनमें तूलेड़ा, सालपुरी, खोहरा, गाजूकी, भझीट, सोनावा, रायससी, गूंदपुर, मदनपुरी, नंगला समावदी, झारेड़ा, दादर, धोलीदूब, केरवा जाट, बाढ़ केसरपुर, बल्लाबोड़ा, डाडा, बल्लाना, रूंध निदानी, ककराली जाट, उमरैण, रूंध भाखेड़ा, खेड़ली सैयद, चांदूकी, भाखेड़ा, डुमेरा, रायबका, लिवारी, नाहरपुर, मौजदीका, चिकानी, सैंथली, बलदेवबास, किशनपुर, पैंतपुर, श्योदानपुरा, कैमाला, भूगोर, सामोला, ईटाराणा, वेरका, चिरखाना, पालका, नांगल झीड़ा, पालका, देवखेड़ा, जाहरखेड़ा, लोधाड़ी, बेलाका, उलाहेड़ी, दिवाकरी, ठेकड़ा, मूंगस्का, नगली मुंशी, सिरमौली, खुदनपुर, कडूकी, मिल्कपुर, मन्नाका, जटियाना, कारोली, खानपुर जाट, कीटोड़ा, नंगला चारण, दाउदपुर, गूजूकी, नगलीकोता शामिल हैं। रामगढ़ के ये गांव शामिल होंगे
धूनीनाथ, सांखला, बहाला, ढाढोली, कमालपुर, गोलेटा, बटेसरा, केसरोली, चोरोटी पहाड़, अग्यारा, लोहारवाड़ी शामिल हैं।
बजट में गांवों का जिक्र नहीं
नगर निगम का 300 करोड़ का बजट मंजूर हो गया, लेकिन उसमें इन गांवों के विकास का जिक्र नहीं है, जबकि इन गांवों के विकास के लिए अलग से पैसे मंजूर किए जाने थे ताकि यह शहरी क्षेत्र जैसे लगते। सड़क, बिजली, पानी से लेकर सार्वजनिक शौचालय आदि की स्थापना वहां हो सकती थी।
नगर निगम सीमा में 6 गांवों के शामिल होते ही इन गांवों में गांवों के विकास के लिए जो पूंजी आती है, वह आना बंद हो जाएगी। ऐसे में नगर निगम व यूआईटी को ही इन गांवों में विकास कराना है। इस बार पास किए गए बजट में गांवों के लिए विशेष प्रावधान करने चाहिए थे। इससे ग्रामीणों का मनोबल बढ़ता। वह गर्व महसूस करते कि वह शहरी क्षेत्र में आ गए। विकास गांवों में खूब होगा। शहर जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
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विवेक सिंह, रिटायर्ड इंजीनियर, नगर निगम जैसे ही परिसीमन पास हो जाएगा और यह गांव निगम में शामिल होंगे, तो गांवों के विकास का खाका तैयार करेंगे। सरकारी योजनाओं का लाभ भी लोगों को मिलेगा।
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जीतेंद्र नरूका, आयुक्त, नगर निगम